
काशी की ऐसी महिमा है कि यहां पर साल के 365 दिन उत्सव मनता है: रविन्द्र जायसवाल
वाराणसी,1 नवम्बर । कण-कण में काशी, रस-रस में बनारस की थीम पर आधारित “काशी गंगा महोत्सव” की भव्य शुरूआत शनिवार को राजघाट पर हुई। महोत्सव का उद्घाटन प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल, संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश सिंह भी मौजूद रहे।
महोत्सव का उद्घाटन कर राज्यमंत्री जायसवाल ने कहा कि काशी की ऐसी महिमा है कि यहां पर साल के 365 दिन उत्सव मनाए जाते हैं। उत्तरवाहिनी जान्हवी (गंगा)के तट पर आयोजित हो रहा काशी गंगा महोत्सव आज देश-विदेश में अपना पहचान बना चुका है। देश विदेश से लोग गंगा महोत्सव की कार्यक्रम में शिरकत होने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि चार दिवसीय गंगा महोत्सव के पश्चात मनाए जाने वाले देव दीपावली आज पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त कर चुकी है। मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि काशी गंगा महोत्सव में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय एवं उभरते हुए कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का एक बड़ा मंच मिलता है। महोत्सव की शुरूआत पं. माता प्रसाद मिश्र एवं पं. रविशंकर मिश्र के युगल कथक नृत्य से हुई।

महोत्सव में संगीत की सभी विधाओं की प्रस्तुति होगी, जिसमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी प्रमुखता दी गई है। काशी गंगा महोत्सव के मंच पर 43 नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इसमें हंसराज रघुवंशी और पद्मश्री मालिनी अवस्थी के गायन की प्रस्तुति होगी।
महोत्सव में पहले दिन कविता मोहंती- ओडिसी नृत्य विदुषी श्वेता दुबे- गायन विदुषी कमला शंकर- स्लाइड गिटार डॉ. रिपि मिश्र- शास्त्रीय गायन डॉ. दिवाकर कश्यप एवं डॉ. प्रभाकर कश्यप- उपशास्त्रीय गायन रवि शर्मा एवं समूह- ब्रज लोक नृत्य एवं संगीत पं. नवल किशोर मल्लिक- शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। महोत्सव में भाग लेने के लिए संगीत के रसिक शाम से ही पहुंचने लगे थे।
