
पश्चिम बंगाल के दामोदर नदी घाटों पर उमड़ा लोक आस्था के महापर्व छठ माँ के भक्तों का जनसैलाब

आसनसोल। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन सोमवार की संध्या बेला में श्रद्धा, भक्ति और अपार जनसमूह के बीच अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया। घाटों पर व्रती माताओं एवं श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव की उपासना कर परिवार, समाज और राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना की।

शिल्पांचल के रानीगंज, जमुरिया, आसनसोल, नियामतपुर, कुल्टी,डिसरगढ़ और बराकर सहित विभिन्न क्षेत्रों के घाटों को रंगीन झालरों, रोशनी और छठ पूजा की झांकियों से सजाया गया था। घाटों पर छठ गीतों की मधुर ध्वनि और ढोल-मंजीरों की ताल से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

प्रशासन एवं स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सुरक्षा, प्रकाश और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं ने पारंपरिक परिधानों में फल, ठेकुआ, गुड़, नारियल,गन्ना और अन्य प्रसाद सामग्री से सुसज्जित डाला लेकर घाटों की ओर प्रस्थान किया। अस्ताचलगामी सूर्य की लालिमा में अर्घ्य अर्पण का दृश्य देखते ही बन रहा था, जब पूरा वातावरण “छठी मइया के जयकारों” से गूंज उठा।
कई सामाजिक संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए दूध फूल अगरबत्ती का वितरण किया गया। बच्चों से लेकर वृद्धों तक, सभी के चेहरे पर अपार श्रद्धा और भक्ति का भाव झलक रहा था।
चार दिवसीय इस अनुष्ठान का समापन मंगलवार की प्रातःकालीन बेला में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ होगा।
