राष्ट्रीय शिक्षा नीति है विकसित भारत का दस्तावेज:प्रो.संजय द्विवेदी

 

उच्च शिक्षा के समकालीन परिदृश्य एवं चुनौतियां’ पर व्याख्यान

सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर स्थित मदन मोहन मालवीय शिक्षक-प्रशिक्षक केंद्र द्वारा आयोजित 12 दिवसीय पुनश्चर्या (रिफ्रेशर) पाठ्यक्रम में “उच्च शिक्षा का समकालीन परिदृश्य एवं चुनौतियां – विकसित भारत 2047 के विशेष संदर्भ में” विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. संजय द्विवेदी, पूर्व महानिदेशक, भारतीय जनसंचार संस्थान (नई दिल्ली) ने भारतीय उच्च शिक्षा की वर्तमान चुनौतियों, नीतिगत परिवर्तनों और भावी संभावनाओं पर विस्तृत विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति–2020 के बाद उच्च शिक्षा क्षेत्र में अकादमिक लचीलेपन, बहुविषयक दृष्टिकोण, कौशल आधारित पाठ्यक्रम तथा अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा उच्च शिक्षा किसी भी राष्ट्र की आधारशिला है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ही विकसित भारत का दस्तावेज है।

प्रो. द्विवेदी ने सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को जोड़ते हुए उच्च शिक्षा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि “उच्च शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि वह रोजगार सृजन, नवाचार, उद्यमिता, सामाजिक उत्तरदायित्व और मानवीय मूल्यों को भी समाहित करे। 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ स्थानीय आवश्यकताओं को संतुलित करना होगा।”

उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मीडिया और संचार के नए परिदृश्य, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसी चुनौतियां विश्वविद्यालयों के लिए नए अवसर भी ला रही हैं। भारत के पास युवा शक्ति, प्रौद्योगिकी और परंपरागत ज्ञान का अद्वितीय संगम है, जिसे उचित नीति और प्रबंधन से विश्व पटल पर अग्रणी बनाया जा सकता है।

प्रो. द्विवेदी ने प्रतिभागियों को आह्वान किया कि वे अपने-अपने संस्थानों में गुणवत्ता सुधार, अनुसंधान संवर्धन, नई शैक्षिक विधियों तथा सामुदायिक सहभागिता पर कार्य करें ताकि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली 2047 तक विश्व की अग्रणी प्रणालियों में शामिल हो सके।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं विश्वविद्यालय के पितृपुरुष डॉ. हरीसिंह गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुआ। स्वागत भाषण पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. रजनीश अग्रहरि ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन संदीप पाठक ने प्रस्तुत किया। संचालन श्री प्रदीप विश्वकर्मा ने किया।

इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग से डॉ. अलीम अहमद एवं डॉ. विवेक जायसवाल, शिक्षा विभाग से डॉ. धर्मेंद्र सर्राफ, डॉ. अभिषेक प्रजापति, डॉ. नवीन सिंह, डॉ. आयुष गुप्ता, डॉ. नीरज उपाध्याय, डॉ. आकाश मालवीय, साथ ही आंजनेय शुक्ल, अमर मणि, विशाल, प्रशांत, शशि यादव सहित अनेक शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?