विधानसभा में निजी सुरक्षा पर रोक, स्पीकर ने लागू किया हाईकोर्ट का आदेश

शुभेंदु ने दी अवमानना याचिका की चेतावनी

कोलकाता, 01 सितंबर । कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में अब विधायक और मंत्री अपने निजी सुरक्षा कर्मियों या हथियारबंद अंगरक्षकों के साथ प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सोमवार को विधानसभा के मुख्य द्वार पर स्पीकर बिमान बनर्जी का आदेश चस्पा कर दिया गया, जिसमें स्पष्ट कहा गया कि मुख्यमंत्री को छोड़कर किसी भी जनप्रतिनिधि को सुरक्षा बलों के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

यह आदेश विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका के बाद सामने आया है। मामला अगस्त 2024 से जुड़ा है, जब अधिकारी का विधानसभा के भीतर तृणमूल विधायक तपन चटर्जी (पुर्बस्थली उत्तर) से तीखा विवाद हुआ था। उस समय भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया था कि तृणमूल के विधायक अपने अंगरक्षकों को लेकर सदन में आ-जा सकते हैं, जबकि विपक्षी विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ प्रवेश से रोका जाता है। इसी भेदभाव को चुनौती देते हुए अधिकारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

पिछले गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सभी विधायकों के लिए समान नियम लागू होंगे और सुरक्षा कर्मियों को लेकर विधानसभा में प्रवेश की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। इसी निर्देश को लागू करते हुए स्पीकर बिमान बनर्जी ने सोमवार को कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मुख्यमंत्री को छोड़कर किसी भी विधायक या मंत्री को सुरक्षा गार्ड के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

हालांकि, इस निर्णय ने विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। अधिकारी ने चेतावनी दी है, “यदि मुख्यमंत्री अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ आती रहती हैं, तो मैं फिर से हाईकोर्ट जाऊंगा और स्पीकर के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करूंगा।”

 

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