क्षमापना पर्व प्रेम और भाईचारे की पवित्र धारा संचारित करने का मार्ग है

कोलकाता । श्री वर्द्धमान जैन संघ में पर्युषण पर्व की साधना – आराधना में पधारे पंडितवर्य विधिकारक प्रिमल भाई शाह, भावेश भाई जैन ने श्रावक – श्राविकाओं को भाव विभोर करते हुए कहा जैन धर्म के तीर्थंकरों और तपस्वियों ने पर्युषण पर्व में क्षमा धर्म, क्षमा वाणी को प्रमुखता दी है । क्षमापना पर्व प्रेम और भाईचारे की पवित्र धारा संचारित करने का मार्ग है । प्रिमल भाई शाह ने कहा क्षमावाणी के दिन हमें अपने जीवन से सभी तरह के भेदभाव, विरोध, वैमनस्य को मिटाकर परस्पर सद्भावना से क्षमा मांगनी चाहिये और हम दूसरों को भी क्षमा कर सके यही भाव मन में रखना चाहिये, यही क्षमावाणी है । श्री वर्द्धमान जैन संघ में बुधवार को तपागच्छीय संवत्सरी प्रतिक्रमण, बृहस्पतिवार को पार्श्वचंद्रगच्छीय संवत्सरी प्रतिक्रमण भक्ति भावना से होगा । कमलसिंह रामपुरिया, एस मिलापचंद, विजय चन्द बैद, मुल्तानचंद सुराणा, दिलीप दुगड़, रतनचंद बांगानी, विनीत रामपुरिया, महेन्द्र सुराणा, नरेन्द्र बांठिया, शांतिलाल रामपुरिया, माणकचन्द सेठिया, एवम् श्रावक – श्राविका सक्रिय हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?