कोलकाता । श्री लोद्रवा पार्श्वनाथ जैन मंदिर में श्रावक – श्राविका पर्युषण पर्व की साधना – आराधना कर रहे हैं । मानव जीवन में आत्मा का लक्ष्य परमात्मा से मिलना, मोक्ष है, जिससे भौतिक संसार के दुःख से मुक्ति मिलती है, शाश्वत आनंद की प्राप्ति होती है। परमात्मा के प्रति प्रेम और समर्पण आत्मा को शुद्ध करता है । मोक्ष के लिए भक्ति, ज्ञान, कर्म योग और ध्यान जैसे विभिन्न मार्ग बताए गए हैं । भक्ति, सत्कर्म, ध्यान और निरन्तर साधना से आत्म-शुद्धि सम्भव है । ध्यान और योग जैसी विधि मन को शांत करने और आत्मा के साथ जुड़ने में मदद करती है । भक्ति मार्ग जिसमें प्रेम और समर्पण के साथ परमात्मा की आराधना की जाती है, आत्म-शुद्धि में सहायक है । सत्कर्म करना और दूसरों की सेवा, परोपकार परमात्मा के करीब ले जाता है । मंदिर के ट्रस्टी विनीत रामपुरिया ने बताया पर्युषण पर्व में धार्मिक आयोजनों में श्री त्रिभुवन जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के ट्रस्टीगण, कार्यकर्त्ता सक्रिय हैं।