कोलकाता । श्रद्धेय घनश्यामदास बिरला द्वारा सन 1920 में संस्थापित मारवाड़ी बालिका विद्यालय में स्वाधीनता दिवस पर झंडोत्तोलन विधालय कार्यकारिणी के अध्यक्ष के डी अग्रवाल के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ । उपाध्यक्ष दिनेश पांडेय, सचिव सुधा जैन, शिक्षायतन फाउंडेशन से सुब्रतो घोष, प्रधानाध्यापिका विभा सिंह, विधालय की सभी शिक्षिकाओं व छात्राओं की उपस्थिति में समारोह मनाया गया । इस अवसर पर छात्राओ द्वारा देश भक्ति के गीत, नाटक मंचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की सभी ने सराहना की । के डी अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में पूर्ण स्वतंत्रता का स्वरूप कैसा होना चाहिये ? व महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त किए । उन्होंने कहा पूर्ण स्वतंत्रता का स्वरूप वह होना चाहिए, जहां हम अपनी संस्कृति, अपनी परंपराओं और अपने मूल्यों को पूरी तरह से अपनाएं । जहां हम अपनी भाषा, अपने रीति-रिवाजों और अपने त्योहारों को महत्व दें और एक दूसरे के साथ मिलकर देश के विकास में योगदान करें । के डी अग्रवाल ने शिक्षा को महिला सशक्तिकरण का सबसे सरल माध्यम बताया । उन्होंने विद्यालय के संस्थापकों का स्मरण करते हुए कहा जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप सिर्फ़ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करते हैं । उन्होंने सभी शिक्षिकाओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । सुधा जैन ने महिला सशक्तिकरण व विद्यालय के अच्छे परिणामों एवम् छात्राओं की शिक्षा के प्रति समर्पण की भावनाओं पर चर्चा की । इस अवसर पर प्रतिभावान छात्राओं को पुरस्कृत किया गया । धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाध्यापिका विभा सिंह ने किया ।