आसनसोल। आसनसोल के सालानपुर थाना अंतर्गत मधाईचक क्षेत्र के पाताल फुलबेरिया गांव निवासी 51 वर्षीय सोरेन बाउरी के परिवार ने आरोप लगाया है कि डीएमसी नामक एक निजी पत्थर डस्टिंग फैक्ट्री में काम करने के दौरान उन्हें सिलिकोसिस हो गया। जिसको लेकर परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री के सामने प्रदर्शन कर प्रभावित व्यक्ति के लिए मुआवजे और स्वास्थ्य सेवा की मांग की। उन्होंने मांग की कि सिलिकोसिस से पीड़ित सोरेन बाउरी को 25 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने कहा कि फैक्ट्री के अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के साथ समझौते के तहत फैक्ट्री के अधिकारी अंततः 4 लाख रूपये का मुआवजा देने पर सहमत हुए। हालांकि, फैक्ट्री के अधिकारियों ने इस संबंध में पत्रकारों से बात नहीं की। जब उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने पत्रकारों से भी दूरी बना ली। उल्टा, उन्होंने परिवार के सदस्यों को धमकी दी कि अगर यह खबर मीडिया में आई, तो वे मुआवजा नहीं देंगे। हालांकि, ज़िला मजिस्ट्रेट एस. पोन्नम बलम ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग प्रभावित सोरेन बाउरी के सरकारी मुआवज़े और स्वास्थ्य देखभाल का ध्यान रखेगा और उस फ़ैक्टरी के संचालन की जाँच की जाएगी।