कोलकाता । बीरभूम के रामपुरहाट ब्लाक अंतर्गत बगटुई गांव में तृणमूल नेता भादु शेख की हत्या के बाद कथित तौर पर बदला लेने के लिए आगजनी में कम से कम 10 लोगों के जिंदा जलने की घटना में आखिरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 90 दिनों बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है। मामले में गिरफ्तार तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन सहित 18 लोगों को नामजद किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने भादू हत्याकांड में चार लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। ये हैं पलाश खान, न्यूटन, मोशाद शेख और माही शेख। भादू हत्याकांड में चारों का नाम एफआईआर में है और चारों फरार हैं।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में दाखिल की गई सील बंद चार्जशीट में सीबीआई ने बताया है कि 70 से 80 लोग वारदात में शामिल रहे हैं जिनमें से केवल उन लोगों को नामजद किया गया है जिनके खिलाफ साक्ष्य मिल चुके हैं। बाकी के खिलाफ जांच चल रही है।
इस साल 21 मार्च को तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता और पंचायत उप प्रमुख भादू शेख की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। घरों में आग लगा दी गई। इस हिंसा में महिलाओं और बच्चों समेत आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में दो और लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था जिससे नरसंहार में मरने वालों की संख्या 10 हो गई।
24 मार्च को मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश के बाद मुख्य आरोपित अनारुल हुसैन को तीर्थ नगरी तारापीठ के रामपुरहाट के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की दो समांतर जांच शुरू कर दी। पहली नरसंहार से संबंधित और दूसरी भादू शेख की हत्या से संबंधित है।
सीबीआई ने गत सात जून को कलकत्ता हाई कोर्ट को सूचित किया था कि वे इस महीने के आखिर तक नरसंहार पर आरोप पत्र दाखिल कर सकती हैं। केंद्रीय एजेंसी पहले ही मामले के संबंध में दो रिपोर्ट सौंप चुकी है। आरोप है कि अनारुल ने ही पूरे नरसंहार की योजना बनाई थी। आगजनी की सूचना मिलने से पहले ही घटनास्थल पर आ रही पुलिस को भी अनारुल ने हीं रोक दिया था।