कसबा लॉ कॉलेज में मनोजीत मिश्रा का रहा है दबदबा और आपराधिक इतिहास : आरजी कर प्रदर्शनकारियों को भी नहीं बख्शा था

कोलकाता, 28 जून । दक्षिण कोलकाता के कसबा स्थित एक लॉ कॉलेज रेप कांड के आरोपित मनोजित मिश्रा के खिलाफ दर्ज गंभीर आरोपों की सूची लंबी होती जा रही है। कॉलेज परिसर में सामूहिक बलात्कार के आरोप में मनोजीत की गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ उठी पुरानी शिकायतें एक बार फिर सामने आई हैं।

बीते वर्ष 14 अगस्त को जब आरजी कर दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ महिलाओं के ‘रात दखल’ नामक जनआंदोलन में इस लॉ कॉलेज से भी कई छात्र-छात्राएं शरीक हुए थे। इन छात्रों का दावा है कि मनोजीत और उसके गैंग ने उस कार्यक्रम के दौरान फेसबुक लाइव करने वाले विद्यार्थियों की पहचान कर उनकी एक सूची तैयार की थी।

बाद में उन छात्रों को फोन कर कॉलेज बुलाया गया, जहां उन्हें आंदोलन में भाग लेने के लिए धमकाया गया और कई मामलों में छात्रों की पिटाई भी की गई थी। एक छात्र को तो कथित रूप से लेक मॉल के पास से जबरन उठाकर ले जाया गया और बुरी तरह पीटने के बाद वह बेहोशी की हालत में पाया गया।

इन घटनाओं के खिलाफ अपहरण और मारपीट जैसी धाराओं में केस भी दर्ज हुए, लेकिन मनोजित तक कानून का हाथ नहीं पहुंच सका।

कॉलेज परिसर में मनोजीत का दबदबा इस कदर था कि शिक्षक और शिक्षिकाएं भी उसके खिलाफ खुलकर बोलने से डरते थे। एक छात्र ने बताया कि, “हम में से कम से कम 10-12 छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो बीते एक साल से कॉलेज नहीं आ सके क्योंकि हमने ‘रात दखल’ आंदोलन में भाग लिया था।”

कॉलेज प्रशासन को मनोजीत के खिलाफ कई बार शिकायतें मिलीं, जिनमें कहा गया कि वह परिसर के अंदर और बाहर विरोध करने वाले छात्रों को पीटता था और उन्हें कॉलेज छोड़ने के लिए मजबूर करता था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मनोजीत के खिलाफ कम से कम 20 मामले दर्ज हैं। वर्ष 2017 में कॉलेज में तोड़फोड़ और सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुंचाने जैसे मामलों में उसका नाम सामने आया था। उस समय कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल देवाशीष चट्टोपाध्याय की शिकायत पर उसे एक बार गिरफ्तार भी किया गया था।

कॉलेज प्रशासन ने भी उसे तीन बार सस्पेंड किया, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से निकटता की वजह से वह लगातार कॉलेज में प्रभाव बनाए रखने में सफल रहा।

मनोजित ने 2014 में कॉलेज में दाखिला लिया था, लेकिन कई वर्षों तक पास न कर पाने के कारण वह डिसकोलेजिएट हो गया था। शुरुआत से ही वह छात्र संगठन टीएमसीपी से जुड़ा रहा। एक समय वह कॉलेज यूनिट का प्रेसिडेंट भी था और वर्ष 2021 में उसे दक्षिण कोलकाता का संगठनात्मक सचिव बनाया गया। हालांकि, टीएमसीपी के राज्य अध्यक्ष त्रिणांकुर भट्टाचार्य का दावा है कि मनोजित कभी संगठन के किसी पद पर नहीं रहा।

कॉलेज सूत्रों के अनुसार, करीब तीन साल पहले मनोजित ने आखिरकार ग्रेजुएशन पूरा कर लिया, लेकिन फिर भी उसने कॉलेज नहीं छोड़ा। 2024 में जब उसे कॉलेज के कैजुअल स्टाफ के तौर पर नियुक्त करने की बात सामने आई, तो छात्रों ने इसका विरोध किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कई छात्राओं ने भी मनोजित के खिलाफ शिकायत की थी। आरोप है कि उन्हें डराने के लिए उनके घर और हॉस्टल के बाहर गुंडे भेजे गए।

कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चट्टोपाध्याय ने मनोजित की नियुक्ति पर सवाल पूछे जाने पर जवाब दिया कि, “सभी कुछ कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के रेज़ोल्यूशन के अनुसार हुआ है। मेरे पास सभी दस्तावेज मौजूद हैं।”

बलात्कार के मामले में मनोजित के साथ गिरफ्तार हुए प्रमित मुखोपाध्याय और जैब अहमद को उसका ‘दायां-बायां हाथ’ कहा जाता है। प्रमित कॉलेज का सेकंड ईयर छात्र है और हावड़ा में रहता है, जबकि जैब फर्स्ट ईयर में पढ़ता है और तिलजला का निवासी है।

आरोप है कि कॉलेज में नशे की गतिविधियों से लेकर पैसे लेकर एडमिशन दिलवाने और फेस्ट के नाम पर अश्लील आयोजनों तक – इन तीनों के नाम हर जगह सामने आते हैं।

मनोजित दक्षिण कोलकाता के कालीघाट क्षेत्र में अपने पिता के साथ रहता है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, उसकी मां और बहन उसके साथ नहीं रहतीं। उसके पिता का कहना है कि उनका बेटा “राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार” हो सकता है।

फिलहाल, मनोजित मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कॉलेज में भय के माहौल के खिलाफ छात्र एक बार फिर आवाज़ उठाने लगे हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?