आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन ने रानीगंज थाने को ज्ञापन सौपा

 

रानीगंज। आदिवासियों के विभिन्न संगठनों के संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ़ आल आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से रानीगंज थाने को एक ज्ञापन सोपा गया. इसके पहले संगठन की तरफ से रानीगंज रेलवे स्टेशन से शुरू होकर एनएसबी रोड के अलावा रानीगंज के विभिन्न महत्वपूर्ण रास्तों से होकर एक रैली भी निकाली गई, जो रानीगंज थाने में आकर समाप्त हुई कुछ देर तक संगठन के सदस्यों द्वारा थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया.दरअसल यह लोग 16 तारीख को रानीगंज के टीडीबी कॉलेज में जो घटना हुई थी, उसमें कॉलेज के फिजिक्स के प्रोफेसर पार्सल किसकु के साथ हुए आचरण का विरोध कर रहे थे.इस बारे में यूनाइटेड फोरम ऑफ आल आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन के जॉइंट कन्वीनर बुबुन मंडी ने बताया कि 16 तारीख को रानीगंज के टीडीबी कॉलेज में एक बेहद अप्रिय घटना घटी थी. उस दिन कॉलेज में इतिहास विभाग की इंटरनल परीक्षा थी, लेकिन जिस प्रोफेसर को यह परीक्षा लेनी थी, उसे दिन वह प्रोफेसर कॉलेज के जनरल बॉडी मीटिंग में व्यस्त थी। जब समय से परीक्षा शुरू नहीं हुई तब एक छात्र नेता कॉलेज में आए। बुबुन मंडी ने कहा कि सुमन गोराई नमक जिस छात्र नेता की बात की जा रही है उन्हें नहीं पता कि वह चुनाव हुआ छात्र नेता है या स्वघोषित छात्र नेता है लेकिन वह कॉलेज में आता है और जनरल बॉडी मीटिंग कर रही प्रोफेसर के साथ बेहद अभद्र आचरण करता है, जिस मीटिंग में कॉलेज के तमाम प्रोफेसर उपस्थित थे. उस मीटिंग हॉल में वह बिना अनुमति के जबरदस्ती घुसता है और बेहद रूखे अंदाज में महिला प्रोफेसर से परीक्षा नहीं करवाने का कारण पूछता है। बुबुन मंडी ने कहा कि वह बचपन से शिक्षकों का सम्मान करने के संस्कार लेकर बड़े हुए हैं, लेकिन इस छात्र नेता ने जिस तरह से अपने शिक्षकों के साथ आचरण किया वह दिखता है कि उन्हें किस तरह के संस्कार मिले हैं.उन्होंने कहा कि उसे छात्र नेता ने आरोप लगाया था कि पार्सल किसकु ने उन्हें धमकाया, उन्हें जान से मारने की धमकी दी, जिस वजह से वह आतंकित है, यह खबर विभिन्न मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची, जिस वजह से आज आदिवासी प्रोफेसर पार्सल किसकु की सामाजिक बदनामी हुई है, यही वजह है कि आज आदिवासी संगठनों की तरफ से यह विरोध रैली निकाली गई और रानीगंज थाने को उद्यापन सोपा गया। इस मौके पर संगठन के वर्किंग कन्वीनर नितन चंद्र टुडू, बुबुन मंडी के अलावा यूनाइटेड फोरम ऑफ आल आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन के तमाम कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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