अमेरिका न तो भारत का दोस्त,न पाकिस्तान का साथी : संजय सिन्हा

भारत – पाक रिश्तों पर खास बातचीत

नई दिल्ली : हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दक्षिण एशिया की भू-राजनीति फिर से चर्चा में है।अब सवाल यह उठता है कि अमेरिका वास्तव में किसके साथ है।इस संदर्भ में मीडिया पर्सनेलिटी और सोशल एक्टिविस्ट संजय सिन्हा ने कहा, ‘ दरअसल अमेरिका न तो पूरी तरह भारत का ‘दोस्त’ है और न ही पाकिस्तान का ‘साथी’। उसकी नीतियां पूंजीवादी और भू-राजनीतिक हितों से प्रेरित हैं, जिसमें चीन को संतुलित करना, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना, और आर्थिक लाभ शामिल हैं। भारत के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी गहरी हो रही है, लेकिन पाकिस्तान के गैर-नाटो सहयोगी दर्जे और क्षेत्रीय महत्व के कारण वह उसे पूरी तरह अलग नहीं कर सकता। ‘ उन्होंने कहा कि ‘ हालांकि, पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंध भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।अमेरिका की प्राथमिकता स्पष्ट है: अपने हित पहले। इस जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य में, भारत को अपनी स्वायत्त विदेश नीति और रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से अपने हितों की रक्षा करनी होगी।’ इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के इंटरनेशनल चेयरमैन संजय सिन्हा ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि,
‘ चीन की रणनीति जटिल है। वह भारत के साथ अपने व्यापारिक हितों (भारत उसका बड़ा व्यापारिक साझेदार है) को बनाए रखना चाहता है, लेकिन साथ ही वह इंडो-पैसिफिक में भारत के बढ़ते प्रभाव को क्वाड और अमेरिका के साथ गठजोड़ के माध्यम से सीमित करना चाहता है। ‘ श्री सिन्हा ने आगे कहा, ‘ भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति चीन के लिए नुकसानदेह होगी, क्योंकि यह उसके सीपीइसी निवेश और मध्य एशिया में प्रभाव को खतरे में डाल सकती है। इसलिए, चीन तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करता है, लेकिन पाकिस्तान को सैन्य समर्थन देना जारी रखता है।’

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