कोलकाता। ब्रह्मलीन विश्वदेवानंद महाराज के निर्वाण दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आचार्य श्रीकान्त शास्त्री, डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी, युवाचार्य आकाश शर्मा, आचार्य गौर कृष्ण दास महाराज, पुरुषोत्तम तिवारी एवम् अतिथि वक्ताओं ने कहा स्वामी विश्वदेवानंद जी का व्यक्तित्व, कृतित्व श्रद्धालु भक्तों के लिये प्रेरक है । भारतीय वैदिक संस्कृति अध्यात्म से जोड़ती है । ब्रह्मलीन विश्वदेवानंद महाराज ने सदैव भक्तों का मार्गदर्शन किया । सच्चे गुरु राष्ट्र के हित की रक्षा करते हैं एवम् भक्तों के जीवन में सुख – शांति का आशीर्वाद, शुभकामना देते हैं । सभी वक्ताओं ने ब्रह्मलीन विश्वदेवानंद जी महाराज के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा दी और कहा जो व्यक्ति मन, कर्म, विवेक, वाणी से मर्यादित आचरण करता है, उस व्यक्ति का मानव जीवन सार्थक है । सत्संग भवन के ट्रस्टी धर्मानुरागी, समाजसेवी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी – शकुन्तला तिवारी, आञ्जनेय तिवारी, श्यामसुंदर धानुका, सत्यनारायण भट्टड़, प्रदीप आसोपा, मुकेश शर्मा एवम् कार्यकर्ताओं ने पूर्व पार्षद सुनीता झवर, समाजसेवी कृष्ण कुमार सिंघानिया, लायन मोहनलाल अग्रवाल, संजय उपाध्याय, सुशील कोठारी, बुलाकी दास मिमानी, शंकर बक्श सिंह, किशन झवर एवम् श्रद्धालु भक्तों का स्वागत किया । पण्डित लालजी मिश्रा, सुनील दीक्षित, राजू शर्मा, अभय पाण्डेय, अशोक शुक्ला, देवेन्द्र वाजपेई, अरुणा अग्रवाल, अशोक तिवारी, गुड्डन सिंह एवम् कार्यकर्ता सक्रिय रहे ।