पुरुलिया : पहलगांव आतंकी हमले में मारे गए झालदा निवासी आईबी अधिकारी मनीष रंजन मिश्र का शव ठीक साढ़े बारह बजे उनके घर पहुंचा। उनका 12 वर्षीय लड़का ताबूत के सामने फूट-फूट कर रोने लगा। 6 साल की बच्ची, जो कुछ भी नहीं समझ पा रही थी, के चेहरे और आंखों पर भय का भाव स्पष्ट था। लगभग बेहोश पत्नी को किसी तरह अंदर लाया गया।
पुलिस अधीक्षक ने उसे अपने करीब खींच लिया। लोगों की हुजूम ने नारा बुलंद किया, “मनीष रंजन अमर रहें।”
मंगलवार को उग्रवादियों ने झालदा के मनीष रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह अपने परिवार के साथ बैसरन घूमने गए थे। उनके सामने ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
उनका पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह झारखंड पहुंचा। वहाँ से झालदा उनके घर। पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी ने शहीद आईबी अधिकारी मनीष रंजन मिश्र के पार्थिव शरीर को ताबूत में रखकर उनके घर पहुंचाया। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार भी पहुंचे। पूर्व राज्य मंत्री शांति राम महतो भी आये। पुरुलिया से सांसद और राज्य भाजपा के महासचिव ज्योतिर्मय सिंह महतो उपस्थित थे।
आज पुरुलिया जिले के लोग उन सभी के दिलों में हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। झालदा शहर को गुरुवार को बंद घोषित कर दिया गया था तथा पूरा शहर उजाड़ नजर आ रहा था। लगभग सभी लोग भारत का राष्ट्रीय ध्वज लेकर चल रहे थे, तथा “भारत माता की जय”, “भारत के वीर पुत्र अमर रहें” जैसे नारे लगा रहे थे, तथा क्षेत्र में जुलूस तूफान की तरह था। चारों ओर माहौल उदास रहा। हर किसी की जुबान पर पाकिस्तान हाय हाय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे थे।