75 दिनों में 12 लाख लोगों को सेवा! डायमंड हार्बर में अभिषेक का ‘सेबाश्रय’ समाप्त

 

कोलकाता, 21 मार्च । तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा डायमंड हार्बर में शुरू किया गया ‘सेवाश्रय’ शिविर गुरुवार को समाप्त हो गया। यह शिविर पूरे 75 दिनों तक चला, जिसमें 12 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की गईं। शुक्रवार को तृणमूल की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि इस शिविर में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से लेकर हृदय रोगों तक का इलाज किया गया। यहां तक कि दूसरे राज्यों से भी लोग इलाज के लिए पहुंचे।
अभिषेक बनर्जी के कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘सेबाश्रय’ शिविर के दौरान कुल 12 लाख 35 हजार 773 लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं। इस दौरान 70 दिनों तक सामान्य कैंप और पांच दिनों तक मेगा कैंप का आयोजन किया गया। यह पहल 2 जनवरी को शुरू हुई थी।

शिविर के माध्यम से कई महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाएं दी गईं। एक 9 वर्षीय बालक की हृदय सर्जरी करवाई गई, वहीं कोलकाता के अस्पताल में 21 वर्षीय युवक की रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर का सफल ऑपरेशन हुआ। एक तीन वर्षीय बच्चे के जटिल न्यूरोलॉजिकल रोग का इलाज बेंगलुरु में कराया गया। इसके अलावा, स्तन कैंसर से ठीक हुई एक महिला को हर महीने आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी अभिषेक बनर्जी ने ली।
‘सेवाश्रय’ शिविर के दौरान कई मरीजों को श्रवण यंत्र दिए गए, मोतियाबिंद के ऑपरेशन कराए गए और कई जरूरतमंदों को मुफ्त चश्मे भी उपलब्ध कराए गए। इस कैंप में कई शारीरिक जांच भी निःशुल्क की गईं। अभिषेक के कार्यालय ने विशेष रूप से एक सात वर्षीय बच्चे का जिक्र किया, जिसने खेलते-खेलते गलती से सिक्का निगल लिया था। इस शिविर की मदद से उसका इलाज हुआ और उसके पेट से सिक्का सुरक्षित निकाला गया।

गंगा सागर मेले के दौरान भी कई राज्यों से आए तीर्थयात्रियों ने ‘सेवाश्रय’ कैंप में इलाज करवाया। प्रवासी मजदूरों को भी इस शिविर में चिकित्सा सेवाएं दी गईं।

हालांकि ‘सेवाश्रय’ शिविर की शुरुआत के साथ ही इस पर सवाल भी खड़े हुए थे। आलोचकों ने पूछा कि जब राज्य सरकार पहले से ही मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है, तो अभिषेक बनर्जी ने डायमंड हार्बर में अलग से इस शिविर की जरूरत क्यों महसूस की? क्या वह अपने संसदीय क्षेत्र में एक समानांतर स्वास्थ्य व्यवस्था खड़ी करना चाहते हैं?

हालांकि, कुछ दिनों पहले नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक सभा में अभिषेक बनर्जी ने इस विवाद पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में डायमंड हार्बर की जनता ने उन पर जो भरोसा जताया और उन्हें भारी मतों से जिताया, उसके बाद उन्होंने क्षेत्र के लोगों के लिए कुछ अलग करने की जरूरत महसूस की। इसी सोच के तहत ‘सेवाश्रय’ शिविर की शुरुआत की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं और ‘सेबाश्रय’ के बीच कोई टकराव नहीं है, बल्कि दोनों का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाना है।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में अभिषेक बनर्जी को डायमंड हार्बर से 10 लाख से अधिक वोट मिले थे।

 

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