महिला दिवस‌ पर बोलीं ममता बनर्जी -महिलाओं को केवल एक दिन के लिए सम्मानित करने की जरूरत नहीं, बल्कि हर दिन उन्हीं का है!

कोलकाता, 8 मार्च  । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिलाओं के अधिकारों और समानता पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को केवल एक दिन के लिए सम्मानित करने की जरूरत नहीं, बल्कि हर दिन उन्हीं का है।

उन्होंने अपने संदेश में महिलाओं को अपनी शक्ति पहचानने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।

एक्स पर अपने एक पोस्ट में शनिवार को ममता बनर्जी ने कहा कि हर महिला में अपनी दुनिया बदलने की ताकत है। उन्होंने माताओं और बहनों से अपील करते हुए कहा कि यह सबसे सही समय है जब वे अपनी शक्ति को पहचानें। उन्होंने कहा, हम किसी से कमजोर नहीं हैं, न ही किसी से कमतर। शारीरिक ताकत से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारा आंतरिक संबल, दृढ़ संकल्प और चुनौतियों का सामना करने का साहस है। यही तय करता है कि हम कितनी जल्दी अपनी लड़ाइयां जीत सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने समानता की वकालत करते हुए कहा कि दुनिया में हर व्यक्ति को, चाहे उसका कोई भी लिंग हो, आगे बढ़ने का पूरा हक है। उन्होंने महिलाओं को अपनी क्षमताओं को पहचानने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। ममता बनर्जी ने कहा, हम सबको इस दुनिया में अपने हक की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। हमें किसी देवी या पूजनीय रूप में नहीं, बल्कि समान अधिकारों वाले इंसान के तौर पर देखा जाना चाहिए।

महिला दिवस के मौके पर उन्होंने सभी से अपील की कि इस दिन को सिर्फ औपचारिक रूप से मनाने के बजाय इसे याद दिलाने वाले दिन के रूप में लें कि हर व्यक्ति को सम्मान और बराबरी का हक मिलना चाहिए।

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