
कोलकाता, 26 फरवरी। त्रिमासिक साहित्यिक पत्रिका पैरोकार ने अपने 12 वर्ष पूर्ति पर मंगलवार (25 फरवरी 2025) को ‘आज की साहित्यिक पत्रकारिता’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की। राजरहाट (गोपालपुर) स्थित राज विद्या केंद्र में आयोजित संगोष्ठी और सम्मान समारोह की अध्यक्षता छपते छपते व ताजा टीवी के संपादक विश्वंभर नेवर ने की। इस मौके पर पैरोकार समूह की ओर से डॉ राजाराम त्रिपाठी को पैरोकार साहित्य शिखर सम्मान, शंकर जालान को पैरोकार पत्रकारिता सम्मान, सीमा गुप्ता को पैरोकार काव्य सम्मान और डॉ मोहम्मद आसिफ आलम को पैरोकार नाट्य सम्मान से नवाजा गया। त्रिपाठी को विश्वंभर नेवर, जालान को राज्यवर्धन, आलम को अभिज्ञात और गुप्ता को सम्मान स्वरूप अफरीन हक ने शॉल, मोतियों की माला, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र प्रदान किया। इससे पहले मंचस्थ अतिथियों विश्वंभर नेवर, राजाराम त्रिपाठी, सेराज खान बातिश, राज्यवर्धन, अभिज्ञात और अफरीन हक ने पैरोकार पत्रिका के विशेषांक का लोकार्पण किया। पैरोकार के संपादक अनवर हुसैन ने स्वागत भाषण देते हुए पैरोकार पत्रिका के बारह वर्षों के सफर पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने अपने अपने संबोधन में संगोष्ठी के विषय की तारीफ करते हुए कहा कि सच में मौजूदा दौर में साहित्यिक पत्रकारिता करीब-करीब गम तोड़ने के कगार पर है, जो समाज, समाचार पत्र और साहित्यकारों के लिए बेहद चिंता की बात है। वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारिता में जब तक साहित्य को उचित स्थान नहीं मिलेगा, तब तक समाज को सटीक दिशा मिलनी मुश्किल है। इस मौके बिमलेश त्रिपाठी, सुरेश शॉल, प्रदीप धानुक समेत कई लोग उपस्थित थे। बिमल शर्मा ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

