पुरुलिया : झालदा थाना क्षेत्र के झालदा गाला मार्ग पर डुमुरडी गांव के पास सापाही नदी पर बने लोहे के पुल की प्लेट में दरारें आने से खतरे की आशंका बन चली है इससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। लोगों ने तत्काल पुल के जीर्णोद्धार की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार सितंबर 2022 में बाढ़ के कारण यह पुल ढह गया था। कुछ महीने बाद लोक निर्माण विभाग की पहल पर वहां लोहे का पुल बनाया गया।
स्थानीय लोगों का दावा है कि कुछ दिन पहले लोहे के पुल की एक प्लेट में दरार देखी गई।
पुलिस ने पुल पर खतरनाक क्षेत्र होने का संकेत देने के लिए लाल टेप के साथ बांस की बैरिकेडिंग लगा दी है। हालांकि, इलाके के लोगों का कहना है कि इसके बाद भी खतरे से बचा नहीं जा सकता। क्योंकि बेधड़क मालगाड़ियों का आवागमन जारी है।
स्थानीय बासुदेव महतो और टोटो चालक अनंत महतो ने बताया कि 2022 में मानसून के दौरान यह पुल ध्वस्त हो गया था और कुछ ही महीनों के भीतर लोक निर्माण विभाग द्वारा इस लोहे के पुल को स्थापित कर दिया गया था। आज वह पुल खतरनाक स्थिति में है, इसलिए हम तत्काल पुल के जीर्णोद्धार की मांग करते हैं। क्योंकि अगर पुल क्षतिग्रस्त हुआ तो ब्रजपुर, कलमा, डुमुरडी और झालदा समेत कई गांवों और झारखंड के रामगढ़ रजरप्पा मंदिर के बीच संपर्क टूट जाएगा। मरीजों को परेशानी होगी।
हालांकि, कई लोगों ने पुल की इस स्थिति के लिए झारखंड से ईंटों से लदे ट्रकों और अन्य भारी वाहनों को जिम्मेदार ठहराया है, जो दिन-रात लगातार आते-जाते रहते हैं।
क्योंकि पुल के बगल में लगे साइन बोर्ड पर साफ तौर पर लिखा है कि माल यातायात पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन कौन किसकी सुनता है, इसीलिए आज यह स्थिति है।
हालांकि, झालदा एक नंबर पंचायत समिति अध्यक्ष सरती मुरा ने मामले को लोक निर्माण विभाग के संज्ञान में लाने और समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।