कोलकाता 9 फरवरी।कोलकाता के 48 वें अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में कोलकाता ट्रांसलेटर्स फ़ोरम तथा जनस्वार्थ वार्ता पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में अनुवाद कविताओं की एक गोष्ठी, सम्मान समारोह तथा पुस्तक लोकार्पण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें देश तथा विदेश की विभिन्न भाषाओं से अनूदित कविताएं प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे वरिष्ठ कवि तथा ट्रांसलेटर्स फ़ोरम के अध्यक्ष श्री रावेल पुष्प और संचालन कर रहे थे बांग्ला के वरिष्ठ कवि श्री चंद्रशेखर भट्टाचार्य। अनूदित कविताएं तथा गल्प प्रस्तुत करने वालों में शामिल थे – सर्वश्री सुदीप्त चट्टोपाध्याय, श्यामल भट्टाचार्य, फटिक चौधरी,सुधांशु रंजन साहा,रावेल पुष्प,सुप्तश्री सोम, विश्वजीत राय,दीप्ति दासगुप्ता, जयन्त चक्रवर्ती,बप्पादित्य राय विश्वास, नंदिता भट्टाचार्य, सौम्यजीत आचार्य,शकुन त्रिवेदी तथा अन्य।
इस मौके पर श्यामल भट्टाचार्य के सियाचिन ग्लेशियर पर सैनिकों के कष्टपूर्ण जीवन पर आधारित चर्चित उपन्यास बुखारी के असमिया भाषा में अनुवाद के लिए असम से पधारीं साहित्यकार अंजलि चक्रवर्ती को फोरम के अध्यक्ष रावेल पुष्प,अनीता अग्निहोत्री तथा सुदीप्त चट्टोपाध्याय ने सम्मानित किया। इसके अलावे जनस्वार्थ वार्ता द्वारा प्रकाशित कुछ विशेष पुस्तकों का लोकार्पण हिमांशु हाल्दार,दिलीप भट्टाचार्य,रतन भट्टाचार्य, अनीता अग्निहोत्री तथा अंजलि चक्रवर्ती ने किया।
आखिर में चारण कवि नवकुमार दास ने अपने गीतों की प्रस्तुति से पूरे माहौल को संगीतमय कर दिया।पुस्तक मेले में भ्रमणकारी पुस्तक प्रेमियों की अच्छी खासी उपस्थिति रही।