कोलकाता:: पश्चिम बंगाल सरकार के महाधिवक्ता के तौर पर किशोर दत्ता ने मंगलवार को इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने नए महाधिवक्ता की भी घोषणा कर दी है। अब उनकी जगह सोमेंद्र मुखर्जी महाधिवक्ता होंगे। वह गोपाल मुखर्जी के तौर पर मशहूर हैं। संविधान के अनुच्छेद 165 (वन) के अनुसार उन्हें राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने महाधिवक्ता के तौर पर नियुक्ति को हरी झंडी दी है। मंगलवार को ही किशोर दत्ता के इस्तीफे को राज्यपाल ने स्वीकृत किया है। दत्ता ने अपना इस्तीफा राज्यपाल के साथ-साथ मुख्य सचिव और कानून मंत्री मलय घटक को भी भेजा था। साढे़ चार सालों तक महाधिवक्ता के तौर पर विभिन्न न्यायालयों में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने के बाद दत्ता ने यह पद छोड़ा है जो अब सोमेंद्र को सौंपा गया है। ममता बनर्जी के शासनकाल के दौरान पिछले 11 सालों में चार महाधिवक्ता बदले गए हैं। 2017 के फरवरी में जयंत मित्रा ने इस्तीफा दिया था जिसके बाद किशोर नियुक्त हुए थे। जयंत के पहले अनिंद्य मित्र और विमल चटर्जी ममता बनर्जी की सरकार के लिए महाधिवक्ता के तौर पर सेवा दे चुके हैं।