कोलकाता । मनीषिका सभागार में वृन्दावन से पधारी कथावाचक भावना रामानुजम ने ईश्वर की भक्ति के प्रति समर्पण पर श्रद्धालुओं को भाव विभोर करते हुए कहा भगवान की कृपा, वात्सल्य दृष्टि सदैव भक्तों के साथ है । मन से ईश्वर का स्मरण करने की प्रेरणा देते हुए कहा सत्संग, अध्यात्म से आत्मीय सुख मिलता है । उन्होंने कहा रावण जैसे विद्वान भक्त ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के कर – कमलों से अपने कुल का उद्धार किया । राम को प्राप्त करने के लिये मर्यादित जीवन एवम् संस्कार जरूरी है । भावना रामानुजम ने कहा भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला, बांसुरी वादन से मोहित गोपियों, मीरा ने भक्ति से श्रीकृष्ण को प्राप्त किया । राम – रावण युद्ध, महाभारत का युद्ध सन्देश देता है कि सत्य एवम् धर्म की जीत होती है । लायन मोहन लाल अग्रवाल, मनीषिका के सचिव अमित केडिया, पवन केडिया, अरविन्द – सुनीता बियानी, सुधा लाखोटिया, किरण मोहता, चंदा चौखानी, शोभा सारदा, मनीषा चौधरी, रीतू चौधरी, कौशल्या अग्रवाल, सरोज अग्रवाल, बिमला अग्रवाल एवम् श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया । अमित केडिया ने मानव धर्म के अमृत तत्व, सनातन वैदिक हिन्दू धर्म एवम् संस्कृति के प्रति जागरूकता एवम् बच्चों में संस्कार निर्माण के उद्देश्य से मनीषिका के कार्यों की जानकारी देते हुए सभी सहयोगी कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया ।