कोलकाता । भागवताचार्य दामोदर प्रसाद शर्मा (मंटू पण्डित जी) ने माथुरवैश्य भवन में श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति के अवसर पर व्यास पीठ से कहा भगवान श्रीकृष्ण का वाङ्गमय विग्रह है श्रीमद्भागवत कथा । श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मन – मानस पवित्र होता है । जीवन में भोजन एवम् भजन जरूरी है, प्रभु भक्ति से मानव जीवन सार्थक है । अपने आशीर्वचन में माथुरवैश्य समाज के धार्मिक आयोजन, सामाजिक सेवा कार्यों के प्रति कर्तव्य निष्ठा की सराहना करते हुए कहा बच्चों, युवा वर्ग में संस्कार निर्माण के उद्देश्य से अनुकरणीय है । हवन, यज्ञ, पूर्णाहुति एवम् भागवत भगवान की है आरती … हरि नाम यही हरि धाम यही, यही जग मंगल की आरती … भक्तिमय वातावरण में समाजसेवी राजेन्द्र गुप्ता, अंकित गुप्ता (कपूरवाले), सतीश (सीताराम) गुप्ता, सुरेश – मंजू कौशल, प्रवीण (टिंकू) गुप्ता, नाथूराम गुप्ता, हरेन्द्रनाथ गुप्ता, राजीव कौशल, अनूप गुप्ता, प्रदीप – प्रवीण गुप्ता, रोहित (लाला), महेन्द्र, संध्या, नीता, रजनी, अनीता, आशा, कुमकुम, प्रीति, सरला, जयराज, सुनील, सुभाष, पवन, अजय (फिरपो), गोविन्द, मुकेश, रजनीश एवम् श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया ।