हरमाडीह ब्लॉक अस्पताल में निक्षय कार्यक्रम का आयोजन

=क्षय रोग के मरीज वयस्क और बच्चे
=यक्ष्मा बढ़ने का मुख्य कारण स्पंज आयरन फैक्ट्री

संवाददाता नीतुरिया : नितुरिया ब्लॉक में भी यक्ष्मा के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। नितुरिया प्रखंड में टीबी मरीजों की संख्या 119 है।
जिला स्वास्थ्य विभाग की टीबी इकाई गांवों में जा जा कर स्वास्थ्य जांच कर रही है, ऐसे में क्षय रोगियों की पहचान की जा रही है।

निक्षय परियोजना–केंद्र सरकार ने 2025 तक यक्षा मुक्त ( टीबी मुक्त) भारत का आह्वान किया है। उस उद्देश्य के लिए, निक्षय परियोजना पूरे देश में 9 दिसंबर से 24 मार्च तक चलेगी। 100 दिवसीय इस कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों की पहचान कर उनका इलाज करेगा। टीबी मरीजों को पौष्टिक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्र सरकार ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मरीजों के लिए 500 रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की है।

नितुरिया ब्लॉक स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को हरमाडीह ब्लॉक अस्पताल में निक्षय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिन रायबांध एवं गुनियारा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 35 क्षय रोगियों को पौष्टिक खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण किया गया एवं क्षय रोग की दवा दी गई।
इस दौरान नितुरिया ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नबनिता नाथ, नितुरिया ब्लॉक के संयुक्त बीडीओ एस विश्वास और हरमाड्डीह अस्पताल के स्वास्थ्य कार्यकर्ता संजीव पंडित और अन्य उपस्थित थे।

क्षय रोग बढ़ने का प्रमुख कारण — चिकित्सकों के अनुसार नितुरिया प्रखंड के विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में यक्ष्मा के मामले बढ़ने का मुख्य कारण क्षेत्र में स्पंज आयरन फैक्ट्री हैं। इससे फैक्ट्रियों से खुलेआम काला धुआं निकल रहा है। प्रदूषण इतना है कि इलाके के जंगलों की हरी पत्तियां काली पड़ गई �

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