बांग्लादेश: चिन्मय कृष्ण दास ‘ब्रह्मचारी’ की जमानत याचिका खारिज, इस्कॉन की भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील

ढाका, 26 नवंबर । बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ‘ब्रह्मचारी’ की जमानत याचिका, स्थानीय अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दी और उन्हें जेल भेज दिया गया।

भारत सरकार ने दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। वहीं इस्कॉन ने भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने, बांग्लादेश सरकार से बात करने की अपील की।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दास को 31 अक्टूबर को दर्ज एक मामले के संबंध में कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया।

इससे पहले, दास को ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस (सीएमपी) को सौंप दिया।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, “दास पर चटगांव में दर्ज एक मामले में आरोप लगाए गए हैं। मंगलवार की सुबह डीबी के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मलिक ने ट्रांसफर की पुष्टि की।”

इस बीच भारत सरकार ने मंगलवार (26 अक्टूबर) को इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम चिन्मय कृष्ण दास, जो ‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता हैं, की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं।

बयान में कहा गया, ‘यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई। अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवी-देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज किए गए हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें प्रस्तुत करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। हम दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं।

मंत्रालय ने कहा, “हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपील करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।”

दास को सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया।

यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोप लगे हैं।

दास की गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर फैलने के बाद चटगांव सहित बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में कई विरोध प्रदर्शन हुए। चटगांव में सैकड़ों हिंदू सड़कों पर उतर आए और चेरागी चौराहे पर रैली निकाली।

बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो में बांग्लादेशी पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करते हुए दिखाई दिए। प्रदर्शनकारी दास की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे थे।

अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) ने भी भारत सरकार से प्रमुख हिंदू नेता की रिहाई के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की।

इस्कॉन ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, “हमें परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह निराधार आरोप लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना है। इस्कॉन, भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने, बांग्लादेश सरकार से बात करने और यह बताने का अपील करता है कि हम एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन हैं।”

बयान में कहा गया, “हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करे। हम भगवान कृष्ण से इन भक्तों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।”

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस, जिसे इस्कॉन के नाम से जाना जाता है, एक विश्वव्यापी संगठन है जिसके अनुयायी विभिन्न देशों और संस्कृतियों में मिलते हैं।

–आईएएनएस

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