सीताराम अग्रवाल
कोलकाता । मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अस्पताल परिसर में गत 4 अक्तूबर को ह्रदय रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। कुल मिला कर 55 रोगियों की जांच की गयी। इसमें मुख्य भूमिका सुप्रसिद्ध ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. पूर्णिमा शिवकुमार की थी, जो सोसाइटी में अपनी सेवाएं देने के अलावा अपोलो मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पीटल से भी संम्पृक्त हैं। इसके अलावा डा. के के राय तथा कुछ नर्सें भी जांच कार्य में सहयोग कर रहे थे। रजिस्ट्रेशन में सरदार ज्योति सिंह व नर्स सोमा की सक्रिय भूमिका रही !
शिविर में आये मरीजों की दिल के रोगों से संबंधित जांच, उचित परामर्श तथा ईसीजी वगैरह की व्यवस्था नि:शुल्क थी, परन्तु जिन्हें डाक्टर ने इको लिखा था, उन्हें 600 रुपये जमा करने को कहा गया। इसका कुछ लोगों ने प्रतिवाद किया। उनका कहना था कि जांच शिविर में किसी तरह का शुल्क लेना अनुचित है या फिर शिविर में इको की व्यवस्था रखनी ही नही चाहिये थी। इस बारे में पूछे जाने पर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इको कराने पर 1200 रुपये लगते हैं, पर शिविर होने की वजह से मरीजों को 50 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं। इस प्रकार हम उनकी सहायता ही कर रहे हैं। फिर भी यदि आपत्ति हैं तो हम भविष्य में ध्यान रक्खेंगे। वैसे कई प्रबुद्ध व्यक्तियों ने भी शिविर में किसी तरह का शुल्क लिए जाने को अनुचित बताया।
ज्ञातव्य है कि मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति सचेत रहते हुए कई तरह के जांच शिविरों का नि: शुल्क आयोजन करती रहती है। नेत्र आपरेशन में तो इसका जवाब नहीं। 3 दिवसीय इस व्यवस्था में एयर कन्डीसन में रोगियों को रखने, उनके खाने- पीने, नाश्ते का इंतजाम तथा हर तरह की जांच नि: शुल्क होती है । यहां तक कि ओ टी में आपरेशन के बाद आबजरवेशन में रोगियों को रख कर दूसरे दिन छोड़ा जाता है । बाद में चश्मा भी फ्री मे दिया जाता है। यह अलग बात है कि इतनी सुन्दर व्यवस्था का गलत फायदा उठाते हुए नेत्र शिविर से जुड़े एकाध कर्मी मरीजों से चुपचाप पैसा वसूल लेते हैं, प्रबंधन को जिसकी भनक भी नहीं लगती। चूंकि ऐसे अधिकांश मरीज ग्रामीण पृष्ठभूमि के होते हैं, अत: वे शिकायत नहीं करते। अत: सबूत के अभाव में आरोपों की जांच नहीं हो पाती। कल के शिविर मे सोसाइटी के मानद अध्यक्ष गोविन्द राम अग्रवाल व मानद प्रधान सचिव प्रह्लाद राय गोयनका ने दौरा कर सेवा कार्यों का जायजा लिया। मुकेश मेहरा, अस्पताल महाप्रबंधक मनोज मल्होत्रा सहित कई लोग कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय थे।