कोलकाता:भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 2018 में अंगरक्षक की कथित हत्या के मामले में सीआईडी द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि बिना न्यायालय की अनुमति शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा और ना ही कोई बड़ा कदम उठाया जा सकेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी के खिलाफ कोई प्राथमिकी भी दर्ज करनी है तो उसके लिए न्यायालय की अनुमति लेनी होगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी को जांच में सहयोग करना होगा। आज अदालत में पांच मामले की सुनवाई हुई। तीन मामले में अदालत ने स्थगनादेश लगा दिया। अंगरक्षक की कथित हत्या मामले में न्यायाधीश राजशेखर महंथा ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या कोई खास वजह है कि इस मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए ? कई बार गिरफ्तारी का इस्तेमाल असल में बदला लेने के लिए किया जाता है। यह इस देश में नया नहीं है। तीन साल से कुछ नहीं हुआ। पत्नी भी नहीं आई। अब अचानक नए सिरे से जांच की मांग की जा रही है। यह चिंताजनक है।
बॉडी गार्ड रहे शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में सीआईडी ने उन्हें तलब किया था। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में कभी ममता के खास रहे और फिर नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी को सोमवार को पेश नहीं हुए हैं। उन्होंने सीआईडी कार्यालय को ईमेल भेजकर आज हाजिर होने में असमर्थता जाहिर की थी। इसी मामले में सीआईडी ने उनके ड्राइवर शंभु माइति और उनके एक करीबी संजीव शुक्ला को सात सितंबर को तलब किया है।