नवान्न अभियान के दौरान पुलिस पर हमला, 37 साल की उम्र में कोलकाता पुलिस के सार्जेंट ने खो दी बाईं आंख की रोशनी

इस पुलिसकर्मी की एक आंख की रोशनी चली गई

कोलकाता, 28 अगस्त  । नवान्न अभियान के दौरान कोलकाता पुलिस के एक ट्रैफिक सार्जेंट को गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उन्होंने अपनी बाईं आंख की रोशनी हमेशा के लिए खो दी। यह घटना उस समय हुई जब प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं और पुलिसकर्मियों पर ईंटों से हमला किया गया।

मंगलवार को नवान्न अभियान के दौरान पुलिस की सख्त तैनाती देखने को मिली। पुलिस ने संभावित हिंसा को देखते हुए पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी। जल कमान, आंसू गैस के गोले, सड़कों पर खोदे गए गड्ढे, बैरिकेड्स और बड़े कंटेनर लाकर सड़कों को सील कर दिया गया था। पुलिस की इन तैयारियों के बावजूद हिंसा भड़क उठी।

कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक सार्जेंट देवाशीष चक्रवर्ती, जो हावड़ा में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे, प्रदर्शनकारियों द्वारा फेंकी गई ईंट से घायल हो गए। उनकी बांई आंख में गंभीर चोट आई और खून बहने लगा। तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी आंख की सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के बावजूद देवाशीष चक्रवर्ती की बांईं आंख की दृष्टि हमेशा के लिए चली गई।

दरअसल सचिवालय अभियान में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़पें हुईं। पुलिसकर्मियों पर ईंटों की बौछार की गई, कुछ को जमीन पर गिराकर लाठी-डंडों से पीटा गया और लात भी मारी गई। कई पुलिसकर्मियों के सिर पर चोटें आईं। तृणमूल नेता कुणाल घोष का दावा है कि पश्चिम बंगाल छात्र समाज की भूमिका बेहद संयमित रही, लेकिन इसके बावजूद पुलिस पर हमले की कई घटनाएं सामने आईं।

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अधिकारियों का क्या कहना है?

इस हिंसक घटना से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जबकि घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है। देवाशीष चक्रवर्ती की आंख की रोशनी खोने की घटना ने एक बार फिर से पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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