कोलकाता, 27 अगस्त । मंगलवार को नवान्न रैली के दौरान, जहां सड़कों पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम उमड़ा था, वहीं आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता के माता-पिता अपने घर में ही थे।
टीवी स्क्रीन पर चल रही घटनाओं को देखकर उनके दिलों में दर्द और बढ़ गया। उन्हें चिंता है कि अगर यह आंदोलन थम गया, तो उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल पाएगा।
इस रैली का आयोजन ‘छात्र समाज’ द्वारा किया गया था। प्रदर्शनकारी कोलकाता और हावड़ा की लगभग सभी सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान पीड़िता के माता-पिता घर में ही रहे, लेकिन बीच-बीच में टीवी पर नजर डालते रहे, जहां वे रैली की झलकियां देख रहे थे। सत्रह दिनों बाद भी उन्हें अपनी बेटी के अपराधियों का पता नहीं चल सका है। उनके मन में अभी भी जांच प्रक्रिया को लेकर संदेह है।
पीड़िता के पिता ने बताया, कल (सोमवार) छात्र हमारे घर आए थे। हमने उनसे जो कुछ भी कहना था, कह दिया। उन्हें डर है कि उनकी बेटी के साथ हुई घटना का राजनीतिकरण न हो। उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि छात्र और नागरिक आंदोलनों के माध्यम से उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग जारी रहे। उनका विश्वास है कि इस आंदोलन के बिना न्याय की उम्मीद कमजोर पड़ जाएगी।
घटनास्थल के पास बने एक विरोध मंच से कुछ प्रतिनिधि मंगलवार सुबह पीड़िता के माता-पिता से मिलने पहुंचे थे। पीड़िता के माता-पिता ने उनके आंदोलन का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने खुद विरोध मंच पर जाने से इनकार कर दिया। परिवार के सूत्रों ने बताया कि माता-पिता की यही इच्छा है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहे जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता। पीड़िता के पिता ने कहा, हमें डर है कि अगर आंदोलन थम गया, तो हमारी बेटी को न्याय नहीं मिलेगा।
इसी बीच, नवान्न रैली को लेकर कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ। हावड़ा फोरशोर रोड, हावड़ा मैदान, शरद चटर्जी रोड और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए जलकमान का उपयोग किया गया और आंसू गैस के गोले भी दागे गए। इस संघर्ष के बीच, राज्य बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने 28 जुलाई, बुधवार को 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया। उन्होंने कहा, बीजेपी ने छात्र आंदोलन का समर्थन किया है। यह आंदोलन छात्र समाज ने अपने बलबूते पर किया है।
तृणमूल नेता कुणाल घोष ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बुधवार को कोई बंगाल बंद नहीं होगा। उन्होंने बंगाल के लोगों से बंद का समर्थन न करने की अपील की। नवान्न रैली को लेकर उन्होंने कहा, कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। वे सोच रहे थे कि बिना किसी बाधा के नवान्न में प्रवेश कर जाएंगे! क्या वे छात्र हैं? बीजेपी के गुंडों और सीपीएम के कुछ कार्यकर्ताओं ने अराजकता फैलाने की कोशिश की। बीजेपी द्वारा बंद बुलाए जाने पर कुणाल ने कहा, मुखौटा उतर गया है। यह हमला न्याय के लिए नहीं, बल्कि सत्ता के लिए हो रहा है। पुलिस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के बावजूद संयम दिखाया। पुलिस ने गोली नहीं चलाई। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए जो आवश्यक था, वही किया।