श्री श्री अकादमी स्कूल छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए समग्र शिक्षा प्रदान करने के अपने दृष्टिकोण के कारण खड़ा – सुभाष अग्रवाला

– वृंदावन में एक अस्पताल जो सफलतापूर्वक चल रहा है।

– एक उच्च विद्यालय जिसे परिवार ने अपने मूल गांव “लॉयल” में झुंझुनू जिले, राजस्थान में 1956 में बनाया था, राज्य सरकार को सौंप दिया गया

 

आसनसोल | साउथ बंगाल के जाने-माने उद्योगपति व प्रसिद्ध समाज सेवी सुभाष अग्रवाला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गौर -लाभकारी ट्रस्ट , बीएमएम फाउंडेशन द्वारा निर्मित ,श्री श्री अकादमी के नाम से इसको बायपास रोड पर एक नया स्कूल अप्रैल 2023 में खोला गया |

श्री श्री अकादमी स्कूल आसनसोल वैश्विक मानवतावादी संत ,परम पावन श्री श्री रविशंकर जी के दृष्टिकोण और मिशन के साथ खड़ा है बीएमएम फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष सुभाष अग्रवाला इसके मुख्य संरक्षक है |स्कूल श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर राष्ट्र के अधीन है सुभाष अग्रवाला ने कहा कि हमारे स्कूल का दृष्टिकोण छात्रों को आधुनिक उपकरणों के साथ-साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने और समाज के प्रति जागरूक वैश्विक नागरिकों के रूप में विकसित होने के लिए नैतिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करना है | यह स्कूल न केवल एक छात्रा के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए समग्र शिक्षा प्रदान करने के अपने दृष्टिकोण के कारण खड़ा है बल्कि बच्चों को हमारी अनूठी पद्धति से लैस करने के लिए भी है, जो उन्हें हर जाति और देश की संस्कृति और मूल्यों की संभावना करने में मदद करता है| या बच्चों को साहस और संमभव के साथ जीवन में किसी की बाधा का सामना करने का जीवन कौशल प्रदान करता है |संस्कृत, सभी भाषाओं में सबसे अधिक संरचित है |प्राचीन भारत में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है संस्कृत सीखने से अन्य भाषाओं को सिखाने में आसानी होती है यह स्कूल बड़े पैमाने पर संस्कृत सीखने को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है| इसकी सुबह की सभा संस्कृत ठोक के उच्चारण के साथ शुरू होता है यह दिमाग में ग्रोथ सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है योग और ज्ञान आयुर्वेद और मूल्य शिक्षा हमारे पाठ्यक्रम का अभिनंन अंग है |ये बच्चों को शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत इंसान बनने में मदद करते हैं | हम अपने बच्चों को जीवन कौशल देते हैं और उन्हें जीवन के लिए तैयार करते हैं | सबसे बढ़कर ,हम उन्हें अच्छा इंसान बनने के लिए तैयार करते हैं | स्कूल में नर्सरी से 12वीं क्लास तक की पढ़ाई होगी |
नर्सरी से कक्षा एक के लिए स्कूल का पाठ्यक्रम मूलभूत वर्षों के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के रूपरेखा पर आधारित है |वह खेल पद्धति का अनुसरण करते हैं और विधि द्वारा सीखते हैं क्योंकि हम अनुभवात्मक और योग्यता आधारित शिक्षा में विश्वास करते हैं |
प्राचार्य ,रेखा कपूर ने कहा कि स्कूल न केवल हमारे शिक्षकों के लिए हमारी कार्य प्रणाली में आंतरिक प्रशिक्षण प्रदान करता है, बल्कि हम अपने विभिन्न विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें भावनात्मक स्थिरता और शक्ति भी प्रदान करते हैं |

हमारे पास एक विशाल परिसर है जिसमें एक अच्छी इमारत ,दो मैदान ,विशाल और हवादार कक्षाएं हैं जो नवीनतम बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है |हम लगातार बढ़ रहे हैं और विकास कर रहे हैं और हम आपका हार्दिक समर्थन और शुभकामनाओं के साथ गौरव की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की आकांक्षा रखते हैं | सुभाष अग्रवाला ने कहा कि किसी देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा जरूरी है इसलिए हमारे परिवार ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए 1941 में बराकर स्थित श्री मारवाड़ी विद्यालय बनवाए |1956 में बराकर अस्पताल बनवाए |दोनों को चलाया फिर सरकार को दे दिया गया |इसी प्रकार राजस्थान में भी स्कूल वह अस्पताल चलाया गया जिसे बाद में राज्य सरकार को दे दिया गया अग्रवाला ने कहा कि उनके मन में आया कि यह सब उनके पूज्य पिताजी एवं दादाजी ने किया था पर उन्होंने जो किया उसी को ध्यान में रखते हुए वह श्री श्री रविशंकर विद्यामंदिर के साथ जुड़े और श्री श्री अकैडमी का प्रारंभ किया गया |यह संस्कार के साथ शिक्षा दी जाती है |

(आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक एवं विश्व भर में शांति दूत के रूप में विख्यात श्री श्री रविशंकर जी मेरे परिवार द्वारा निर्मित स्कूल, श्री श्री अकैडमी आसनसोल में 4 दिसंबर सोमवार को पधारे, जहां उनका शंख ध्वनि के साथ भव्य स्वागत हुआ। 8000 से ज़्यादा भक्तों की भीड़ उनके दर्शन पाकर धन्य हो गई। उन्होंने मेरे घर पर पधारने की भी कृपा की और मेरे पूरे परिवार को आशीर्वाद दिया ।)

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