सावन माह में रुद्राभिषेक, जल से अभिषेक के रूप में आराधना – स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज

कोलकाता । श्री रामेश्वरनाथ महादेव मन्दिर, कोलकाता में श्रीराम कथा वाचक प्रभाकर कृष्ण महाराज ने देवी – देवताओं के मन्दिर के अलौकिक दर्शन कर प्रसन्नता व्यक्त की । उन्होंने कहा आत्मीय सुख का अनुभव हो रहा है । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज ने वृंदावन से पधारे प्रभाकर कृष्ण महाराज का स्वागत किया । भागवाताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज ने कहा श्रावण माह में महत्त्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें हरियाली तीज, रक्षाबन्धन, नागपंचमी आदि प्रमुख है । त्योहारों की विविधता भारत की विशिष्टता की पहचान है । सावन माह में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्त्व है । इस माह में सोमवार सावन के सोमवार कहे जाते हैं, जिनमें स्त्रियाँ तथा विशेषतौर से कुंवारी युवतियाँ भगवान शिव के निमित्त व्रत रखती हैं । शिवपुराण के अनुसार रुद्राभिषेक, जल से अभिषेक के रूप में आराधना का विशेष महत्व है । प्रत्येक सोमवार को शिव के निमित्त व्रत किए जाते हैं । भगवान शिव, महादेव को प्रिय सावन की एक कथा के अनुसार मृकण्डु ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए सावन माह में घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने यमराज भी नतमस्तक हो गए थे । पौराणिक कथाओं की मान्यता अनुसार इसी सावन माह में समुद्र मंथन किया गया था । समुद्र मंथन के बाद जो हलाहल विष निकला, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की, लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया । इसी से उनका नाम नीलकंठ महादेव’ पड़ा । विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का ख़ास महत्व है । श्री रामेश्वरनाथ महादेव मन्दिर में भगवान शिव की आराधना में समाजसेवी अरविन्द बियानी, अनिल जालान, ललित गुप्ता, दारा सिंह, लाल बहादुर पाठक एवम श्रद्धालु भक्त सक्रिय हैं ।

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