बंगाल स्वास्थ्य विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले की संपत्ति की हुई पहचान

कोलकाता, 17 जुलाई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग से टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में गिरफ्तार किए गए बुधादित्य चट्टोपाध्याय की 11 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों को सुराग मिले हैं कि ये संपत्तियां गलत तरीके से कमाए गए धन से खरीदी गई हैं।

ईडी अधिकारियों को इस बात के भी सुराग मिले हैं कि आरोपी ने विदेशी पक्षी प्रजातियों के व्यापार में निवेश कर भारी मात्रा में पैसे कमाए हैं।

सूत्रों ने बताया कि ईडी के वकील ने इस सप्ताह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत को बुधादित्य चट्टोपाध्याय द्वारा की गई धोखाधड़ी के विवरण से अवगत कराया।

ईडी अधिकारियों को दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में बुधादित्य चट्टोपाध्याय से पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति भी मिल गई है, जहां वह न्यायिक हिरासत में है।

ईडी की प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी खुद को हार्वर्ड विश्वविद्यालय का शोध छात्र बताता था। उसने पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग से टेंडर दिलाने के नाम पर व्यक्तियों और फर्मों से करोड़ों रुपये की ठगी की।

वह लोगों से पैसे लेने के बाद गायब हो जाता था और लोग उसके पीछे दर-दर भटकते रहते थे।

ईडी ने 2022 में दर्ज मामले के आधार पर जांच शुरू की। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, जांच एजेंसी को पता चला कि धोखाधड़ी 2019 से हो रही थी और 11 जुलाई को उसने आखिरकार बुधादित्य चट्टोपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया।

50,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक की रकम ठगने के अलावा, बुधादित्य चट्टोपाध्याय ने कथित तौर पर बेंगलुरु स्थित एक संगठन से 26 करोड़ रुपये की ठगी भी की।

ईडी अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक, उसने 2019 से अब तक अलग-अलग व्यक्तियों और संस्थाओं से 35 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।

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