
कोलकाता । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज ने महादेव मंदिर, काशीपुर में श्रीमद्भागवत कथा में श्रोताओं को भाव विभोर करते हुए श्रीकृष्ण एवम सुदामा की मित्रता के प्रसंग में कहा मित्र मिलन की चाह में, माधव हुए बेहाल । देख सुदामा की दशा , माधव हुए अधीर । अपने मित्र का सद्भावना से साथ निभाना मित्रता का सच्चा धर्म है । स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज ने कहा भागवत पुराण का श्रवण और पाठ करने से पाप का नाश होता है । कृष्णे स्वधामोपगते धर्मज्ञानादिभि: सह । भगवान् श्रीकृष्ण के अपने परमधाम चले जाने के पश्चात् उनका आदर्श जीवन अज्ञान रूपी अन्धकार को दूर कर श्रद्धालु भक्तों के जीवन में ज्ञान से प्रकाश करता है । पूर्णाहुति, हवन, जय श्रीकृष्ण उद्घोष के साथ भक्तिमय वातावरण में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में पार्षद सुमन सिंह, समाजसेवी दारोगा सिंह रघुवंशी, गिरजा सिंह, अजय सिंह, गायत्री सिंह, संजय सिंह, इन्दु सिंह, संदीप सिंह, मीरा सिंह, सिमी सिंह, अर्जुन सिंह एवम श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया ।
