कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बीरभूम में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के बाद गांव में आग लगा दिए जाने से कम से कम 10 लोगों की मौत को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो जारी किया है और घटना पर दुख व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से घटना के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य में मानवाधिकारों का खात्मा हो गया है और कानून का शासन लुंजपुंज हो गया है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य हिंसक संस्कृति और अराजकता की चपेट में है। मैं बीरभूम के रामपुरहाट में भयावह बर्बरता से आहत और परेशान हूं। उन्होंने कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने खुद स्वीकार किया है कि आठ लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं जो इस बात का संकेत है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।
राज्यपाल धनखड़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में इस घटना को भयानक हिंसा और आगजनी का तांडव करार देते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से इस घटना पर तत्काल अपडेट मांगा है।
उन्होंने कहा, राज्य को हिंसा और अराजकता की संस्कृति का पर्याय बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर एक स्पष्ट कटाक्ष में, उन्होंने कहा कि प्रशासन को पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठने की जरूरत है। जो वास्तविकता में कहीं दिखाई नहीं दे रहा रहा है।
उल्लेखनीय है कि नरसंहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने वर्चुअल जरिए से राज्यपाल संग मुलाकात की है और राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।