पंजाब की जीत से AAP का हौसला बुलंद, अब रडार पर हिमाचल प्रदेश और गुजरात

 

 

नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) में गुरुवार को प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) रफ्तार बढ़ाने की तैयारी कर रही है. खबर है कि पार्टी की नजरें संभावित रूप से इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव पर हैं. खास बात है कि गुजरात में पार्टी पहले ही प्रचार मोड में काम कर रही है. साल 2017 विधानसभा चुनाव में पंजाब में दूसरे स्थान पर रही आप ने इस बार 92 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि, सत्तारूढ़ दल कांग्रेस 18 सीटों पर सिमट गया.

वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, गुजरात और हिमाचल प्रदेश मुख्य रूप से आप के रडार पर हैं. पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘फिलहाल, हम यह नहीं कर रहे कि हम गुजरात जीतेंगे. लेकिन मोदी का पद बढ़ने के बाद राज्य में कुछ बदला है, जो पाटीदार आंदोलन, उना आंदोलन और 2017 में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के रूप में सामने आया है. लेकिन अब कांग्रेस ने हार मान ली है और आप के लिए मैदान छोड़ दिया है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘आप ने निकाय चुनाव में सूरत के पटेल बेल्ट में 27 सीटें जीतकर पहले ही कुछ चोट पहुंचाई है… सौराष्ट्र बेल्ट में पार्टी की जड़ें मजबूत हुई हैं.’

गुजरात में आप कांग्रेस की खाली होती जगह को भरने की कोशिश कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार, अगले महीने केजरीवाल और पंजाब के भावी मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रधानमंत्री के गृह राज्य पहुंच सकते हैं और आप के अभियान को मजबूत कर सकते हैं.

दिल्ली में कांग्रेस का वोटर था, जो आप के पास चला गया. जब-जब कांग्रेस ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है, तो इससे आप को नुकसान हुआ है. ऐसे में आप हिमाचल प्रदेश की ओर देख रही है, जहां गुजरात से पहले मतदान होगा. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘पंजाब में जीत दूसरे राज्यों में हमारे लिए दरवाजे खोलती है. हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में हम एक शुरुआत देखते हैं क्योंकि पंजाब ने हमारे अभियान को और विश्वसनीय बनाया है. हालांकि, जमीन पर अभी काफी काम होना बाकी है. पहाड़ी राज्य की राजनीतिक जाति और क्षेत्रीय गणित का जटिल मिश्रण है.’

खास बात है कि आप के राष्ट्रीय महत्वकांक्षाएं नई नहीं हैं. साल 2013 में दिल्ली में 28 सीटें जीतने के बाद पार्टी ने 2014 में लोकसभा की 400 सीटों पर लड़ने का फैसला किया. पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की और ये सभी सीटें पंजाब में थी. इसके बाद आप ने दिल्ली पर ध्यान लगाने का फैसला किया और 2015 में बहुमत के साथ जीत हासिल की. साल 2019 में पार्टी ने केवल 100 लोकसभा उम्मीदवार खड़े किए थे.

रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘2014 चुनाव के साथ हमने हमारी राष्ट्रीय महत्वकांक्षाएं साफ कर दी थी, लेकिन इसे प्रदर्शन का समर्थन हासिल नहीं था. तब और अब में यही फर्क है कि अब हमारे पार सबूत है. हमने लोगों को दिखाया है कि आप जीत सकती है और काम कर सकती है. पंजाब का फैसला इस बात का सबूत है कि लोग हम पर भरोसा करने के लिए तैयार हैं.’

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