सैकड़ों साल पुराने ऐतिहासिक मूर्ति को चुरा ले गए चोर

ठाकुर बाड़ी से प्राचीन बेशकीमती अष्टधातु की राम जानकी की मूर्ति हुई चोरी

राम दरबार मूर्ति सैकड़ों साल पुराना है इतिहास

बिहार बांका (संवाददाता): बिहार बांका जिले के झारखंड सीमा बौसी थाना क्षेत्र के गुरुधाम मधुसूदन नगर ड्योढी नरेश के आवासीय इलाके के पास से राम दरबार में सिंहासन पर विराजित राम जानकी और लक्ष्मण की अत्यंत प्राचीन बेशकीमती और बहुमूल्य मूर्ति की गुरु वार रात्रि चोरी कर ली गई। जिससे पूरा जमींदार परिवार एवं आसपास समाज के लोग आहत हैं। चोरी की घटना की खबर के बाद श्रद्धालुओं में निराशा का भाव है। जमींदार के परिजन मंटू सिंह ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मूर्ति चोरी किए जाने का एक मामला स्थानीय थाने में दर्ज कराया है। बताया जाता है कि चोरों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर मंदिर का ताला तोड़कर सिंहासन पर विराजित अष्टधातु की मूर्ति की चोरी कर ली। सुबह जब दैनिक पूजा के लिए पंडित रामधनी झा गए तो मंदिर के दरवाजे का ताला टूटा मिला और सिंहासन से मूर्ति गायब थी तब इसकी सूचना जमींदार के परिवारों को पंडित ने दी पुलिस ने भी मामला दर्ज करगायब मूर्ति की तलाश में छानबीन आरंभ कर दी है। आनंद नेटवर्क और हाईटेक माध्यम से भी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
चोरी गई मूर्ति क्षेत्र के बहुमूल्य धरोहर थे प्राप्त जानकारी के अनुसार राम दरबार में स्थापित राम जानकी और लक्ष्मण की विराट आकर्षक बेशकीमती मूर्ति की स्थापना मंटू सिंह के परदादा द्वारा वर्ष 1922 में की गई थी। जमींदार के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि करीब 100 साल पहले उनके पूर्वजों ने पंजवारा ड्योढी से मधुसूदन नगर ड्योढी आकर बस गए। तब पंजवारा में स्थापित राम दरबार की सिंहासन प्रतिमा को भी साथ लेते आए और यहां मंदिर में स्थापित कर दिया। वैसे चोरी गई राम दरबार की मूर्ति का निज इतिहास करीब सैकड़ों साल पुराना है। जिसके गुणवत्ता और कीमत का अंदाज लगाना मुश्किल है। आगे बताया जाता है कि गुरुवार की संध्या प्रतिदिन दैनिक आरती के समय पंडित आर जमींदार के परिजनों ने भगवान की आरती उतारी एवं भोग लगाया। और भगवान के चरण स्पर्श किए। जब सुबह इस बात की सूचना मिली है तब से जमींदार के परिजन क्षेत्र के श्रद्धालु और पंडित चिंतित एवं दुखी हैं। सभी ने स्थानीय पुलिस से इस मामले में संलिप्त लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की बात कही।
जमींदारों के विरासत से जुड़ा है मूर्ति का इतिहास
स्थानीय श्रद्धालुओं ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग करते हुए अभिलंब दोषियों पर कार्रवाई एवं चोरी गई मूर्ति की बरामदगी की मांग की है क्योंकि यह उनके पूर्वजों के विरासत का बहुमूल्य धरोहर का मामला है।
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार करीब साल पहले राम जानकी दरबार मंदिर से मंदिर परिसर में बाहर रखे पूजा के सामान भोग और श्रृंगार के सामान एवं बरतन तथा घड़ी घंटा की चोरी रात्रि का फायदा उठा कर अज्ञात चोरों द्वारा कर ली गई थी मगर तब मूर्ति जो ताले में दरबार के अंदर बंद था। तब ईश्वर की कृपा से मूर्ति सुरक्षित थी।
इस मूर्ति की महिमा और आस्था भी अपरंपार थी । इतिहास साक्षी है कि सच्चे मन से और पवित्र आस्था के साथ इन के दरबार में मांगी गई कई मुरादे इनकी कृपा से श्रद्धालुओं की पूरी हो जाती थी।

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