समाज के कार्य को पूजा मानते हैं – गणेश बाउरी

 

आसनसोल (संवाददाता)। समाज के क्षेत्र में स्वयं को स्थापित करना एक बहुत बड़ी चुनौती है अगर मन में कोई ठान ले तो क्या कुछ संभव नहीं है और जब जज्बा समाज के लिए कुछ करने का हो तो फिर परिणाम तो अवश्य निकलते ही हैं ग्रामीण पृष्ठभूमि से नाता रखने वाले ऐसे ही एक बहुआयामी हस्ती गणेश बावरी जिन्होंने एक लंबी व अथक यात्रा स्वर्णिम आभा के साथ तय की है यही नहीं शुरुआती दौर से लेकर वर्तमान समय तक आपने अनेक महत्वपूर्ण पदों को गौरवान्वित किया है। साधारण पहनावा, सरल व्यवहार लेकिन तार्किक बुद्धि के बल पर आप एक ही बार में अपने अंदर छिपी प्रतिभा का एहसास करवा देते हैं एक बात जो गौरतलब है कि आप जैसे सामने हैं वैसे ही पीछे हैं दूसरी वजह से आपकी छवि निरंतर लोगों के मन में गहराई से अंकित हुई। समाज में आप की छवि एक आदर्श समाज सेवी के रूप में है। इतने लंबे समय तक समाज के लिए काम करना किसी मिसाल से कम नहीं है। यही नहीं समाज की मजबूती को बात को या फिर सत्ता संगठन के बीच तालमेल की बात हो आपने बीच में एक सेतु बनकर कार्य किया है। जिस कारण से अपने अपने क्षेत्र की उन्नति के लिए हर संभव प्रयास किए है। किसी बात रखने में आप का कोई मुकाबला नहीं है जिस मजबूती के साथ आप किसी मुद्दे की बात करते तो उसे पूरा करवा के ही दम लेते हैं। कार्य के प्रति सजगता का लोहा तो सभी मनाते हैं। गणेश बाबू का यह मानना है कि समाज के काम में अगर आप खरा उतरते हैं तो वहां स्वयं को संतुष्टि मिलती है वही लोगों में अच्छा संदेश भी जाता है। सादा जीवन उच्च विचार को जीवन का मूलमंत्र मानने वाले गणेश बाबू दिखावे व अहंकार से कोसों दूर है समाज से सीधा जुड़ाव होने के कारण वे वर्षों से सक्रिय समाज सेवा में अपनी गहरी पैठ जमाए हुए हैं।

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