आसनसोल। यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही पश्चिम बंगाल दुर्गापुर की तीन मेडिकल की छात्रा बिपाशा शाव, नेहा खान एवं जीनत आलम की सकुशल घर वापसी हुई।
आपको बता दे कि बीते हफ्ता से रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण यूक्रेन में हालात बहुत ख़राब है चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल है।लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे हमले के बाद वहां संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
रूस और यूक्रेन की युद्ध के कारण यूक्रेन में हजारों भारतीय बुरी तरह से फंस चुके है जिन्हें सकुशल स्वदेश वापस लाने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है इसी के तहत भारत सरकार के द्वारा आपरेशन गंगा मिशन चलाया जा रहा है।जिसके तहत युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का प्रयास किया जा रहा है।जिन्हें सरकार धीरे-धीरे भारत ला रही है। वही बुधवार को दुर्गापुर की तीन मेडिकल छात्राओं बिपाशा शाव,नेहा खान एवं जीनत आलम भारतीय एंबेसी के सहयोग से सकुशल घर लौटी।
अंडाल स्थित काजी नजरुल इस्लाम हवाई अड्डे पर बुधवार की दोपहर तीनों छात्राओं का आगमन हुआ। यहां तीनों छात्राओं के परिजन समेत प्रशासनिक अधिकारी एवं दुर्गापुर पूर्व के विधायक लखन घरुई तथा तथा पांडवेश्वर के विधायक नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती ने उनका अभिवादन किया।स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा तीनों मेडिकल छात्रों को उनके परिवारों के साथ घर ले जाने की व्यवस्था की गई।
छात्रों के परिजनों ने बताया कि युद्ध की वजह से बड़ी बेचैनी थी अंतत: भारत सरकार के अथक प्रयासों की बदौलत युद्धग्रस्त यूक्रेन से हमारी लड़कियां दुर्गापुर में अपने घर लौट गईं। हमे बहुत ख़ुशी है बातो में हम व्यक्त नहीं कर सकते है।उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को उनके समर्पित प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। वही अपने घर वापस लौटी छात्रों ने सरकार से अपने सहपाठियों को सुरक्षित वापस लाने की भी गुहार लगाई।