कोलकाता : पश्चिम बंगाल नगर पालिका चुनाव के परिणाम वैसे तो बुधवार देर शाम तक स्पष्ट हो गए थे लेकिन देर रात तक राज्य की सभी 108 नगर पालिकाओं के 2274 वार्डों के परिणाम स्पष्ट हुए हैं। 1276 वार्डो में जीत दर्ज कर तृणमूल कांग्रेस तो अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल कर ही चुकी है, साथ ही 33 सालों तक राज्य में शासन करने के बाद करीब दो दशक से राजनीतिक तौर पर हाशिए पर रही वामपंथी पार्टियों के लिए भी उत्साहित करने वाला जनाधार मिला है। मत प्रतिशत के मामले में वाम मोर्चा ने दूसरा स्थान हासिल किया है। इन्हें नगर पालिकाओं में 13.57 फ़ीसदी मत हासिल हुए हैं जो भाजपा के 13.42 फ़ीसदी के मुकाबले 0.15 फ़ीसदी अधिक है।
हालांकि पार्षदों की संख्या के मामले में भाजपा ही दूसरे नंबर पर है लेकिन मत प्रतिशत के मामले में माकपा का दूसरे नंबर पर खिसक कर आना उसे नए सिरे से ऑक्सीजन दे गया है। इसके पहले 2021 के अप्रैल-मई में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन उसके बाद उपचुनाव और नगर निगम के चुनाव में भी वामदल भाजपा को छोड़कर दूसरे नंबर पर थे। लगातार तीसरी बार वाम दलों का दूसरे नंबर पर होना राज्य की राजनीति में नए समीकरण का संकेत है। हालांकि पार्षदों की संख्या के मामले में अभी भी भारतीय जनता पार्टी ही दूसरे नंबर पर हैं। भाजपा के 63 पार्षद जीते हैं जबकि कांग्रेस के 59 और बाम दलों के 56 पार्षद ही जीत सके हैं। बाकी 119 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई है। मत प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस को 5.06 फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने उससे अधिक 5.51 फ़ीसदी वोट हासिल किया है। पार्षदों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो जीते हुए कुल पार्षदों के हिसाब से भाजपा पार्षदों की संख्या 2.77 फीसदी हैं जबकि कांग्रेस के 2.52 फ़ीसदी और माकपा का 2.46 फ़ीसदी पार्षद जीते हैं। वही जीते हुए पार्षदों में से कुल 5.23 फीसदी निर्दलीय हैं।
नगर पालिका चुनाव का वोट प्रतिशत बेहद मायने रखता है क्योंकि यह विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुकाबले हर घर से जुड़ा हुआ चुनाव होता है और यहां जिस पार्टी को जिस तरह का वोट मिलता है वैसा ही परिणाम विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में देखने को मिलते हैं। माना जा रहा है कि इस नगर पालिका चुनाव का असर है 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी जबकि बारी 24 सीट तृणमूल जीत गई थी। अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव में वाम दलों के भी उम्मीदवारों को जीत मिल सकती है।