लंबे अंतकाल के बाद विधायक करीम चौधरी ममता के कहने पर विधानसभा आए

कोलकाता, 07 फरवरी । अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद विधानसभा नहीं आने की घोषणा करने वाले विधायक करीम चौधरी ने अपनी जिद्द छोड़ दी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत और मान मनौव्वल के बाद आखिरकार वह विधानसभा पहुंचे हैं।

वह मौजूदा विधानसभा के सबसे उम्रदराज विधायक हैं। वे उत्तर बंगाल के इस्लामपुर के विधायक हैं। तृणमूल सूत्रों ने बताया कि बर्फ तब पिघलनी शुरू हुई जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल की अपनी हालिया यात्रा के दौरान उन्हें बुलाया और फिर एक आधिकारिक समारोह में उन्हें अपने बगल में बैठाया।

लंबे अंतराल के बाद विधानसभा में आए करीम ने कहा कि मेरे नेता ने मुझसे पार्टी के काम में सक्रिय रहने को कहा है। मैंने उनसे वादा किया है कि पार्टी द्वारा दी गई सभी जिम्मेदारियां निभाऊंगा। इसके अलावा मेरी लोगों के प्रति जिम्मेदारी भी है। मुझे उन लोगों के लिए काम करना है जिन्होंने मुझे वोट दिया। इसलिए मैं दोबारा विधानसभा में आकर अपना कर्तव्य निभा रहा हूं।

उल्लेखनीय है कि करीम चौधरी ने अभिषेक बनर्जी के ऑफिस में काम करने वाले एक तृणमूल नेता पर गंभीर आरोप लगाए थे। यहां तक कि सरकारी काम में भी भ्रष्टाचार उन्होंने सरेआम किया था जिसे लेकर पार्टी के एक धड़े में उनके प्रति नाराजगी थी।

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