12 को बहुमत परीक्षण के दौरान खेला करने की तैयारी
पटना । वर्तमान में बिहार और झारखंड के राजनीति में उठा पटक का दौर चल रहा है। हालांकि, झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को अपना बहुमत हासिल कर लिया है।
लेकिन बिहार में बहुमत को लेकर 12 फरवरी को परीक्षण होना है। हाल में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। राज्यपाल को 128 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया था। सत्ता से बाहर होने के बाद राजद लगातार नीतीश कुमार की मुश्किलें पैदा करने की कोशिश में है और लालू यादव इसके लिए रणनीति भी तैयार कर रहे हैं। यही कारण है कि बहुमत परीक्षण से पहले आरजेडी गुट की ओर से दावा हो रहा है कि बिहार में खेला होगा।
वर्तमान में सत्ता पक्ष के पास 128 विधायकों का समर्थन है। भाजपा के 78, जदयू के 45, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के चार और एक निर्दलीय विधायक है। वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन वाले विपक्ष में विधायकों की संख्या 115 है। यानी कि सरकार बनने से महज 7 कम की दूरी पर तेजस्वी यादव खड़े हैं। इसकारण खुद तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए लालू यादव जोड़-तोड़ की राजनीति में लगे हुए हैं। भले ही बिहार में सरकार से बाहर होने के बाद राजद ने आक्रामक रवैया नहीं दिखाया हो। लेकिन कहीं ना कहीं लालू यादव पर्दे के पीछे जबरदस्त तरीके से रणनीति बना रहे हैं। इसी रणनीति के तहत चार विधायकों वाली पार्टी हम के संरक्षक जीतन राम मांझी को लालू ने सीएम बनाने का निमंत्रण तक दे दिया था। इसके बाद में जब तक बिहार में शक्ति परीक्षण नहीं हो जाता तब तक खेल की संभावनाएं लगातार बरकरार है।