पांडवेश्वर में तृणमूल कांग्रेस की अंतर कलह आई सामने, ब्लॉक अध्यक्ष पद से नाम हटाने पर सुजीत मुखर्जी ने जिला परिषद के कर्माध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की धमकी

आसनसोल । पांडवेश्वर विधानसभा के लाउदोहा फरीदपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सुजीत मुखर्जी को ब्लॉक पद से हटा दिया गया है, इसे लेकर सुजीत मुखर्जी के साथ तृणमूल कांग्रेस के एक खेमे में नाराजगी देखने को मिली। तृणमूल कांग्रेस नेता सुजीत मुखर्जी जिला परिषद के कर्माध्यक्ष भी है। सोमवार के दिन वह आसनसोल के अड्डा कार्यालय में पहुंचे। वहां पर रानीगंज विधायक सह आसनसोल दुर्गापुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन तापस बनर्जी से भेंट की। सुजीत मुखर्जी ने कहा कि उन्हें ब्लॉक अध्यक्ष से हटा दिया गया। उन्हे मालूम ही नहीं चला, एक बार भी जिला नेतृत्व ने पद से हटने से पहले बातचीत नहीं की एवं हटाने के बाद भी हटाने का कारण नहीं बताया गया। हम कई वर्षो से इस क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि हम जब ब्लॉक अध्यक्ष में नहीं है तो हमारा जिला परिषद के कर्माध्यक भी रहना उचित नहीं है। इसीलिए अपने नेतृत्व को इस्तीफा देने की बात कही। लेकिन तापस बनर्जी ने कहा कि आप इस तरह न करें, आपका नाराज अभियान अपनी जगह है। आप पद में रहकर भी अपनी लड़ाई जारी रखें. क्योंकि आप एक पुराने नेता हैं । जब सुजीत मुखर्जी से सवाल किया गया कि क्या आपने जिला अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने कहा कि जब बात की तब उन्होने कहा यह हमारे हाथ में नहीं है। यह आई पैक के हाथ में है। लेकिन जब आई पैक से बात की तो उन्होंने कहा कि इसमें हमारा कुछ करना नहीं है। वह इस विषय पर जब विधायक तापस बनर्जी से सवाल किया गया कि क्या जिला तृणमूल में अंदरूनी गुटबाजी है तो उन्होंने इस चीज से पूरा पूरी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि तृणमूल के परिवार में कई लोग हैं, हो सकता है, नाराजगी हो सकती है। लेकिन यहां पर गुटबाजी वाला कोई भी अंदरूनी अंतरकलह वाला कोई भी बात नहीं है। सुजीत मुखर्जी बहुत पुराने तृणमुल नेता है, उसे अंचल के कई दिनों से वह सक्रिय रूप से तृणमूल के लिए काम कर रहे हैं। हम लोगों के पास सब आए थे। उन्होंने कहा कि हमें बिना कारण से ही हटा दिय गया है तो हम लोग जिला परिषद से भी इस्तीफा दे देंगे। अपनी इच्छा उन्होंने जताई लेकिन हमने उन्हें समझाया है कि आप इस तरह का कार्य न करें। आप का कहना उचित है कि बिना कारण क्यों ब्लॉक अध्यक्ष से हटाया गया , आप अपनी लड़ाई जारी रखें और तृणमूल में सक्रिय होकर काम करें में काम करने के लिए किसी पद की जरूरत नहीं होती है। ठीक 2024 के लोकसभा चुनाव होने वाले हैं उससे पहले पांडवेश्वर विधानसभा में इस तरह की तृणमूल की अपनी अंतरकलह सामने आने से उच्च नेतृत्व भी काफी चिंतित है, लेकिन क्या इस तरह की अंतरकलह से आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में पांडवेश्वर में तृणमूल को नुकसान हो सकता है। सवाल यही उठ रहे हैं।

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