कोलकाता, 18 जनवरी । शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में एक बार फिर गुरुवार को सुबह-सुबह ईडी ने ‘बिचौलिए’ प्रसन्ना रॉय के फ्लैट पर छापा मारा है। उसे प्राथमिक शिक्षक भर्ती ‘भ्रष्टाचार’ मामले में शामिल होने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने सुबह करीब 6:30 बजे न्यूटाउन स्थित एक संभ्रांत आवास पर छापा मारा। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक प्रसन्ना के पास इस आलीशान आवास में एक फ्लैट है। ईडी के अधिकारी सुबह से शहर में कुल सात स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, एसएससी भर्ती ‘भ्रष्टाचार’ की जांच के लिए उन्होंने गुरुवार को शहर में सात जगहों पर छापेमारी की है।
शुरुआती तौर पर माना जा रहा है कि गुरुवार के सर्च ऑपरेशन के आधार पर ईडी भी एसएससी ‘भ्रष्टाचार’ मामले की जांच में सक्रिय हो गई है। अभी तक वे प्रारंभिक तौर पर भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे थे। गुरुवार सुबह प्रसन्ना के फ्लैट के अलावा एक अन्य आवास की भी तलाशी ली गई। ईडी सूत्रों के मुताबिक वहां प्रसन्ना का दफ्तर था। न्यूटाउन में दो और नयाबाद में एक जगह की भी तलाशी ली जा रही है।
गुरुवार सुबह ईडी की कुल सात टीमें सर्च ऑपरेशन पर निकलीं। सीआरपीएफ के जवान उनके साथ हैं। संदेशखाली घटना के बाद केंद्रीय अर्ध सैनिक बल के अधिकारी कई सावधानियां बरतते दिखे। पिछले शुक्रवार के सर्च ऑपरेशन की तरह गुरुवार को भी सभी केंद्रीय बलों के सिर पर हेलमेट दिखे। जवानों के पास आंसू गैस के गोले हैं।
प्रसन्ना के अलावा ईडी ने उनके पूर्व सहायक प्रदीप सिंह के घर पर भी छापेमारी की है। सीबीआई ने पहले दावा किया था कि प्रदीप भर्ती मामले में गिरफ्तार एक अन्य व्यक्ति शांतिप्रसाद सिन्हा के संपर्क में था। प्रदीप के घर के अलावा ईडी जांचकर्ताओं ने नयाबाद इलाके में रोहित झा नाम के ट्रांसपोर्ट कारोबारी के घर पर भी छापेमारी की है।
हालांकि, ईडी के अधिकारी अभी तक प्रसन्ना के दफ्तर में दाखिल नहीं हो सके हैं। वे चाबी का इंतजार कर रहे हैं।
पूर्व एसएससी भर्ती सलाहकार समिति प्रमुख शांतिप्रसाद सिन्हा इस प्रसन्ना के ‘करीबी’ थे। वह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के संपर्क में थे। भर्ती भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को उनका नाम मिला था। ग्रुप डी भर्ती मामले और नौवीं-दसवीं शिक्षक भर्ती मामले में आरोपी प्रसन्ना को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, गिरफ्तार होने के बावजूद, प्रसन्ना के खिलाफ मुकदमा आज तक शुरू नहीं हुआ है। आरोप पत्र जारी होने के बाद एक निश्चित अवधि बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर प्रसन्ना ने इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उसे कई शर्तों के साथ सीबीआई के मामले में जमानत दे दी।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, प्रसन्ना कई व्यवसायों से जुड़े हुए हैं। प्रसन्ना और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कई संपत्तियां हैं।