रानीगंज को महकमा बनाने की मांग को लेकर बोरो कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा

 

 

रानीगंज / रानीगंज सिटीजन फॉर्म की ओर से आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि रानीगंज को महकमा बनाई जाए ।इस मांग को लेकर आगामी 28 दिसंबर को रानीगंज बोरो कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा । संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व रानीगंज नगरपालिका अध्यक्ष गौतम घटक ने कहा कि सन 1847 की है। जब रानीगंज को केन्द्र करके कोयला की खाने खुल रहीं थी और देश में रानीगंज कोयला उत्पादन के केन्द्र के रूप में विख्यात हो चुका था। देश के विभिन्न इलाकों से मजदूर, कारीगर, इंजीनियर, प्रशासक, कोयला उद्योग के मालिक आकर बसने लगे थे। उस समय अंग्रेज शासकों ने बर्दवान जिले में रानीगंज को सब डिवीजन बनाया था और यही पर सारे सरकारी प्रशासनिक की व्यवस्था का विस्तार किया था।
इंडियन रेलवे ने हाबड़ा से रानीगंज तक ट्रेन चलाई। यहाँ पर व्यापक संख्या में छोटे बड़े व्यापारियों कारबारियों, कारीगरों का निवास हो गया। तरह तरह के उद्योगों का प्रसार हुआ। कोयला खान मजदूरों से लेकर साधारण लोगों तक के निवास से रानीगंज एक बड़े ओद्योगिक टाउन का रूप लेने लगा। और भी बहुत से सरकारी आफिस भी खुलने लगे। धीरे धीरे रानीगंज का आयतन बढ़ने लगा था और ग्राम से शहर का रूप लेने लगा था।
इसी समय अचानक शासकों ने सन १९०६ में यहाँ से सब डिविजन का दफ्तर बन्द कर आसनसोल में चालू कर दिया और धीरे धीरे नाम बदल कर आसनसोल सब डिविजन कर दिया। रानीगंज का विकास रुक गया। यद्यपि तब तक रानीगंज बंगाल में गल्ले के एक बड़े ब्यवसायिक केन्द्र के रूप में मशहूर हो चुका था। आसपास बहुत से छोटे बड़े उद्योग पनप रहे थे। इस वजह से यहाँ की आवादी बढ़ी । शहर का आयतन बढ़ता गया। परन्तु शहर का विकास जैसा होना चाहिए वह न हुआ। यदि सब डिविजन का ऑफिस यहाँ होता तो इस सबसे पुराने ऐतिहासिक शहर की अवहेलना नही होता।

जब से बर्दवान जिले का भाग हुआ तभी से रानीगंज सिटिजन फोरम के साथ यहाँ की प्रमुख सामाजिक संस्थाएँ ओर नागरिक रानीगंज को सब डिविजन को फिर से वापस करने की मांग कर रहे हैं। हमने हर तरह से सरकार से इस मांग को पूरी कराने की कोशिस की है, परनतु अभी तक कोई परिणाम नही मिला है। ऐसा हम बड़े आन्दोलनों पर जाने को विवश हो गये है। और इसी कड़ी में आगामी 28 दिसंबर को सुबह ११. बजे से दोपहर एक बजे तक बोरो 2 रानीगंज के सामने शान्तिपूर्ण धर्ना पर बैठने का आहवान किया है। हमें आशा है। हमारी राज्य सरकार और विशेष रूप से माननीया मुख्य मंत्री जो हमारी न्यायपूर्ण मांग पर अवश्य सहानुभूति के साथ ध्यान देगी और पूर्ण करेंगी। बैठक में महासचिव प्रदीप नदी, उपाध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुप्ता, प्रवक्ता अरविंद सिंघानिया, मलय राय, सुरेश जयसवाल प्रमुख उपस्थित थे।

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