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आसनसोल में आयकर के साथ-साथ सीबीआई का भी छापा - Kolkata Saransh News

आसनसोल में आयकर के साथ-साथ सीबीआई का भी छापा

अवैध कोयला तस्करी का मुख्य सरगना अनूप माजी उर्फ़ लाला के तीन करीबियों के घर पहुँची सिबिआई की टीम

स्नेहासिस तालुकदार और श्यामल सिंह से घंटों पूछताछ के दौरान किया गुरफ़्तार

आसनसोल, पश्चिम बंगाल के आसनसोल मे आय से अधिक संपत्ति व टैक्स चोरी मामले मे एक तरफ जहाँ आसनसोल रानीगंज के पूर्व तृणमूल विधायक सोहराब अली व तृणमूल समर्थक सह वेवसाई इम्तियाज अहमद सहित आसनसोल के एक और वेवसाई महेंद्र शर्मा सहित इम्तियाज के करीबी पंकज अग्रवाल व सुजीत सिंह के साथ -साथ उनके कुछ अन्य सहयोगियों के यहाँ चल रहे आयकर विभाग के छापे अभी ख़त्म भी नही हुए थे की अचानक गुरुवार सुबह सिबिआई की टीम ने आसनसोल व दुर्गापुर मे एक साथ छापेमारी कर एक बार और ठंड के मौसम मे आसनसोल का माहौल ही गर्म कर दिया, अवैध कोयला तस्करी मामले मे अनूप माजी उर्फ़ लाला के तीन करीबियों मे से बर्णपुर के रहने वाले श्यामल सिंह, व स्नेहासिस तालुकदार के यहाँ सिबिआई की टीम केंद्रीय बलों के साथ पहुँच गई लाला के दोनों करीबियों का घर बिलकुल आमने -सामने था इस लिये सिबिआई की टीम को ज्यादा दिक्क़तों का सामना नही करना पड़ा, हालांकि इस दौरान श्यामल सिंह अपने आवास पर नही थे वह अपने मालदा आवास पर थे जहाँ सिबिआई की टीम पहले ही पहुँच चुकी थी और उनसे पूछताछ के दौरान उनको गिरफ्तार कर लिया, वहीं स्नेहासिस तालुकदार अपने आवास पर ही मिल गए जहाँ सिबिआई की टीम ने उनसे घंटों पूछताछ की और फिर उनको गिरफ्तार कर लिया और उनको अपने सांथ ले गई वहीं सिबिआई की एक टीम लाला के तीसरे करीबी सौरभ सिंह के दुर्गापुर आवास पर भी छापेमारी की जहाँ सौरभ सिंह अपने आवास मे उयलब्ध नही थे, जिस कारण सिबिआई की ने उनके आवास मे उनके परिजनों से मुलाक़ात कर उनसे कुछ पूछताछ कर वापस लौट गई, बताया जा रहा है की श्यामल सिंह और सौरभ सिंह दोनों अवैध कोयला तस्करी मे सबसे बड़े फाइनेंसर के तौर पर काम कर रहे थे, जो पर्दे के पीछे रहकर ही अवैध कोयला तस्करी के कारोबार मे अनूप माजी उर्फ़ लाला के सहयोग से मोटा पैसा लगाते थे और कोयले की काली कारोबार मे धन उगाही का काम करते थे, स्नेहासिस तालुकदार भी उनके साथ मिलकर इस अवैध कोयले के कारोबार मे संलिप्त था और हर जगह जरुरत पड़ने पर अन्य कोयला कारोबारियों से मुलाक़ात कर्ता था, यहीं नही बताया यह भी जा रहा है की श्यामल कोयले के अवैध कारोबार मे एक ऐसे मोहरे का काम कर्ता था जो मोहरा कोयले की सुरक्षा करने वाले सुरक्षा बलों व उनके मुखिया को पैशों के बल पर अपने मुट्ठी मे रखता था, इस लिये की वह खुद कोयले की सुरक्षा मे तैनात था, श्यामल सिआईएसएफ अधिकारी भी था, इस लिये उसकी सिआईएसएफ के अन्य अधिकारीयों के साथ उसकी अच्छी खासी सेटिंग थी यूँ कहें तो अच्छे रिश्ते थे, इसके आलावा उनकी इसीएल के अधिकारीयों तक श्यामल की अच्छी खासी पहले से ही पैठ बने हुए थे, श्यामल सिआईएसएफ मे होने के नाते उसने बर्णपुर इसको प्लांट के अधिकारीयों व प्लांट के सुरक्षा मे तैनात सिआईएसएफ अधिकारीयों व सुरक्षा बलों के साथ भी अच्छे रिश्ते बना लिये थे, श्यामल के वही रिश्ते इसीएल के अवैध कोयला व इश्को शेल से अवैध रूप से हो रही लोहा चोरी के कारोबार को आगे बढ़ाने मे अहम् भूमिका निभाने का काम कर रही थी, बताया यह भी जा रहा है की श्यामल ने आसनसोल सहित मालदा और कोलकाता मे भी करोड़ों रुपए की लागत से अपना घर व संपत्ति बना रखा है, कोयला तस्करी मामले मे किसी ने अबतक यह सोंचा भी नही था की श्यामल सिंह की गिरफ़्तारी होगी पर श्यामल की हुई गुरफ़्तारी ने आसनसोल ही नही पुरे पश्चिम बंगाल मे हड़कंप का माहौल पैदा कर दिया है, अन्य अवैध कोयला कारोबारियों मे इस गिरफ़्तारी ने मानो हलचल सी मचा दी है, हम बताते चलें की अवैध कोयला तस्करी मे सिबिआई और ईडी जाँच के दौरान पहले ही कई अवैध कोयला माफिया व इसीएल के कई अधिकारीयों सहित सिआईएसएफ के अधिकारी जेल की हवा खा चुके हैं, भले ही उनमे से कई बेल पर बाहर घूम रहे हैं, बावजूद उसके अवैध कोयला तस्करी का मामला उनपर अब भी चल रहा है और वह सिबिआई व ईडी के रडार पर हैं साथ मे ऐसे कई और चेहरे भी हैं जो चेहरे अभी आने बाकी हैं जिनमे से कुछ सफ़ेद पोश तो कुछ वर्दी धारी तो कई अधिकारीयों के साथ -साथ अवैध कोयले के कई कारोबारीयों मे हड़कंप का माहौल है,


सिबिआई के इस छापे को लेकर अबतक की सबसे बड़ी बात यह है की पिछले कुछ महीनों से आसनसोल के कुलटी, बराबनी, जामुड़िया, रानीगंज मे अवैध रूप से कोयले की तस्करी शुरू हुई थी, अवैध कोयले की तस्करी को कैसे आगे बढ़ाया जाए उसके लिये कुछ नए तो कुछ पुराने चेहरों को लेकर एक नया सिण्डिकेट भी तैयार हुआ था, अवैध कोयले का कारोबार चला भी पर इस कारोबार को रेस पकड़ने से पहले ही कुछ अवैध कोयला वह पुराने तस्कर इस कारोबार के आगे उनके राह के रोड़ा बन गए जो तस्कर एक समय खुलकर और आजादी के साथ अवैध कोयला तस्करी का कारोबार किया था, उनके आलावा कुछ ऐसे नेता भी अवैध कोयला तस्करी के कारोबार के राह के रोड़ा बने जिनको उस समय अवैध कोयले के कारोबार से लाखों रुपए की कमीशन बनकर आती थी ऐसे मे अवैध कोयले के बने इस नए सिण्डिकेट मे किसी को कुछ नही मिल रहा हर कोई आनन – फ़ानन मे अपनी -अपनी जेब भरने के चक्कर मे लगा हुआ है, जिस कारण अवैध कोयले के कारोबार के खिलाफ दोनों तरफ से खोले गए मोर्चे से तंग आकर अवैध कोयले के कारोबार के इस सिण्डिकेट ने अपना घुटना टेक दिया इस लिये की इस कारोबार मे मैनेज करने की सबसे बड़ी समस्या सिण्डिकेट के सामने आ गई और मैनेज नही कर पाने की वजह से आज यह सिण्डिकेट एक बार फिर से एक मजबूती के साथ उठ खड़े होने की तैयारी ही कर रहा था की सिबिआई ने अवैध कोयला तस्करी मामले मे छापेमारी कर शिल्पाँचल मे बने अवैध कोयला तस्करी के नए सिण्डिकेट के तमाम सदस्यों के मनोबल ही ख़त्म कर दिया

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