“गज मोक्ष स्तुति करने से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट।” – भागवताचार्य श्री हरीश तिवाङी

नया मंदिर, बाँधाघाट में श्रीमद्भागवत कथा का चतुर्थ दिन

 

“ब्रह्म मूर्त में उठकर गज मोक्ष स्तुति करने से बड़ा से बड़ा कष्ट दूर हो जाता है। देवता – दानव ने एक साथ मिलकर समुद्र मंथन किया। समुद्र मंथन के उपरांत निकले विष की ज्वाला से सभी देवता तथा असुर जलने लगे और उनकी कान्ति फीकी पड़ने लगी। इस पर सभी ने मिलकर भगवान शंकर की प्रार्थना की। उनकी प्रार्थना पर महादेव जी उस विष को हथेली पर रख कर उसे पी गये किन्तु उसे कण्ठ से नीचे नहीं उतरने दिया। उस कालकूट विष के प्रभाव से शिव जी का कण्ठ नीला पड़ गया। इसीलिये महादेव जी को नीलकण्ठ कहते हैं।” – उक्त बातें नया मंदिर, बाँधाघाट-हावड़ा में श्री डीडवाना नागरिक सभा द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिन भागवताचार्य श्री हरीश तिवाङी ने कही। आज की कथा में वामन अवतार, मत्स्यावतार, गंगावतरण आदि पर भी प्रवचन हुए।

संस्था अध्यक्ष अरुण प्रकाश मल्लावत ने जानकारी देते हुये बताया कि पंडित श्री गिरधर गोपाल शर्मा के सानिध्य में नित्य पूजन कार्य मुख्य यजमान नागोरी परिवार के डॉ. श्रीबल्लभ एवं राजेश नागोरी द्वारा किया गया। आज कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। आज के आयोजन का मुख्य केंद्र रहा नंदोत्सव। नंदोत्सव के यजमान थे श्री महावीर जी भाभङा एवं हेमचंद जी भाभङा। नंदोत्सव प्रसाद यजमान श्रीमती मैना देवी मिश्र तथा दैनिक प्रसाद यजमान बंकट लाल गगङ एवं प्रवीण कुमार गगङ। श्रृंगार यजमान रहे जगदीश जी मल्लावत। ओम प्रकाश बागंङ, मंजू बागंङ, देवेन्द्र बांगङ, मनोरमा बांगङ, श्रीकिशन मल्ल विशिष्ट अतिथि थे। आयोजन का कुशल संचालन किया श्रीमती अलका काकङा ने। आज उपस्थित प्रमुख लोगों में महर्षि दधीचि सेवा ट्रस्ट से अध्यक्ष श्री प्रदीप सूंठवाल, मंत्री नारायण आशोपा, आसाराम काकङा, सीताराम शर्मा रहे।

उन्होने बताया कि सैंकडों श्रोता कथा प्रांगण मे उपस्थित रहे साथ ही यूट्यूब पर हो रहे सीधे प्रसारण से भी सैंकडों श्रद्धालु जुङकर कथा श्रवण का लाभ उठा रहे हैं।
भगवान नारायण की प्रेरणा से बंगेश्वर महादेव मंदिर परिसर में प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से आरंभ होकर सायं 6 बजे तक चलने वाली इस कथा का समापन आगामी शुक्रवार दिनाँक 29 सितम्बर को होगा।

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