77 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ इस अवसर पर एक बच्चे की अभिलाषा जयहिन्द..
माँ मैं भी झण्डा फहराऊँगा
माँ मैं भी झण्डा फहराऊँगा,
तू बोल कहाँ है लालकिला ?
मै उस पर जा लहराऊँगा ,
माँ ! मैं भी झण्डा फहराऊँगा,
हे लाल ! न जा तू लाल किले पर,यहीं कहीं फहरा लेना ,
उस विजयी विश्व तिरंगे को , तुम यहीं सलामी दे देना .
मत रोक मुझे माँ जाने दे ,
कुछ कर के तो दिखलाने दे .
गांधी,सुभाष, शास्त्री ,पटेल
जैसा मुझको बन जाने दे .
है नहीं मुझे एतराज अगर तू छाया भी उनकी पा जाए ,
हो गई धन्य वो माँ जिसका, सुत काम देश के आ जाए.
पर डर है,आजके नेताओं की हवा न तुझको लग जाए.
क्या सोच के घर से तू निकले,क्या बनकर के आ जाए
है कसम तुम्हारी माँ ! तेरा मैं कर्ज चुकाऊँगा
खुदीराम,सावरकर बन गद्दारों को मार भगाऊँगा
बस बोल कहाँ है लाल किला
मै उस पर जा लहराऊँगा
माँ ! मै भी झण्डा फहराऊँगा .
डॉ.गिरिधर राय