शुभेंदु की इच्छा के बावजूद सोनाली को पार्टी में नहीं लेना चाहती भाजपा

 

कोलकाता, 20 मई। एक दौर में ममता बनर्जी की बेहद खास सहयोगी रहीं सोनाली गुहा फिलहाल तृणमूल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने ऐसा ही किया था और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। लेकिन फिर वापस तृणमूल में लौट गई थीं। अब एक बार फिर वह भाजपा में लौटना चाहती हैं। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी चाहते हैं कि सोनाली गुहा को भाजपा में लिया जाए लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और दिलीप घोष इसके लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए सोनाली का भाजपा में लौटना संभव नहीं हो रहा। पार्टी के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि न केवल दिलीप घोष और सुकांत बल्कि स्वप्न दासगुप्ता और लॉकेट चटर्जी ने भी सोनाली को भाजपा में वापस लेने का विरोध जताया है। स्वपन दासगुप्ता ने तो कहा है कि जिस तरह से सोनाली गुहा का आचरण और जीवन है वह पार्टी के आदर्श को मैच नहीं करता। इससे बचना जरूरी है।
दरअसल 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सोनाली ने भाजपा की सदस्यता ली थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आते ही कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर चली गई थीं और ममता बनर्जी के पैर पर गिरकर फूट फूट कर रोई थीं। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा था कि जिस तरह से मछली बिना पानी की नहीं जी सकती उसी तरह से मैं दीदी को छोड़ कर नहीं जी सकती। उसके बाद वह दो सालों तक बिल्कुल राजनीतिक तौर पर निष्क्रिय रहीं और अब एक बार फिर तृणमूल के खिलाफ मुखर हो गई हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि बुआ भतीजा परिवार लोगों को लूट रहा है। खबर है कि उसने दिल्ली भाजपा मुख्यालय में अपनी वापसी की अर्जी लगाई है। इधर लॉकेट चटर्जी ने भी कहा है कि सोनाली पूरी तरह से स्वार्थ केंद्रित महिला है। उनका कोई राजनीतिक आदर्श नहीं है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी में ऐसे लोगों को लेने का अल्टीमेट नुकसान हीं होगा

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