रानीगंज/समाजसेवीका लता कौर ने कहा कि 2000 रुपये के करेंसी नोटों के संबंध में आरबीआई का आदेश जो बंद करने का हुआ है उससे नागरिकों को अपनी दैनिक खरीदारी में डिजिटल भुगतान को स्वीकार करने और अपनाने के लिए प्रेरित करने और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सही और सहरानीय कदम है। आम लोगों को इसका कोई नुकसान नहीं होगा घूसखोर भ्रष्टाचार से लिप्त अफसरों के ऊपर ही गाज गिरी है। रेणु मेहरा ने कहा कि सरकार के इस कदम से छोटे व्यापारियों के व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन निश्चित रूप से बड़े और संपन्न वर्ग को झटका लगेगा, जिन्होंने बड़ी मात्रा में 2000 रुपये के नोटों का स्टॉक किया होगा। व्यापारियों के व्यापार में कोई गड़बड़ी नहीं होगी । आरबीआई ने 2000 रुपये को कानूनी निविदा के रूप में घोषित करके और छोटे मूल्यवर्ग के नोटों के साथ 2000 रुपये के नोटों के आदान-प्रदान के लिए चार महीने की अनुमति प्रदान करके व्यापार में सुचारू लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं।