कोलकाता, 6 मई । मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अणुव्रत मंडल के बारे में ईडी ने कई गंभीर दावे किए हैं। दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में केंद्रीय एजेंसी की ओर से दाखिल चार्जशीट में दावा किया गया है कि मंडल कुल 77 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने नौकर और गाड़ी चालक के नाम जमीन भी खरीदी है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि मवेशी तस्करी से हासिल हुए रुपये को ब्लैक से व्हाइट करने के लिए घर के नौकर विद्युत वरण गायन के नाम पर बैंक अकाउंट खोला गया जबकि उसमें नॉमिनी के नाम पर अणुव्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल को नामजद किया गया। विद्युत वरण को 15 हजार रुपये का मासिक वेतन देते थे जबकि उसके नाम पर सात करोड़ 71 लाख रुपये की जमीन खरीदी गई है। राइस मिल में काम करने वाले नौकर विजय रजक के नाम पर भी अकाउंट खोला गया है जिसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है। इसी तरह से बोलपुर के विभिन्न तृणमूल नेता और कार्यकर्ताओं के नाम पर भी बेनामी अकाउंट अणुव्रत मंडल की ओर से खोले गए जिसमें मवेशी तस्करी के एवज में हासिल होने वाली राशि को काले से सफेद किया गया। ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए 10 से 12 बार लॉटरी जीतने का नाटक भी किया गया जबकि लॉटरी कभी भी अणुव्रत के नाम पर नहीं थी। मंडल के नाम पर मौजूद संपत्ति का मूल्य 48 करोड़ छह लाख से अधिक है जो मवेशी तस्करी के एवज में हासिल हुई राशि से खरीदी गई है। अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर वह आसानी से मवेशियों से भरे ट्रकों को पश्चिम बंगाल की सीमा से गुजरते हुए बांग्लादेश सीमा पार करवाते थे। इसमें हासिल हुई आय से पिछले साल दिसंबर महीने में अणुव्रत ने कुल 29 करोड़ 50 लाख की संपत्ति और अधिक खरीदी। इसलिए कुल मिलाकर 77 करोड़ 26 लाख की संपत्ति अणुव्रत के नाम पर ईडी ने ढूंढ निकाला है। सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए इनमें से अधिकतर राशि का इस्तेमाल बेटी, नौकर, ड्राइवर के नाम जमीन, चावल मिल और अन्य संस्थान खरीदने में खर्च की गई ताकि उनके अकाउंट में भी काले धन को डालकर सफेद किया जा सके।