कोलकाता, 3 मई। उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज में पुलिस की गोली से मारे गए 33 वर्षीय युवक मृत्युंजय बर्मन मामले की सीबीआई जांच का आदेश देने से कलकत्ता हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद निर्देश दिया कि घटना की न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच होगी। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में यह स्वीकार किया गया कि गोली लगने से ही मृत्युंजय की मौत हुई है। हालांकि यह भी कहा गया कि पुलिस ने गोली चलाई उसी से मौत हुई है या किसी और गोली से यह फिलहाल जांच के घेरे में है। सरकार का बयान सुनने के बाद जस्टिस मंथा ने कहा कि मामले की जो सीआईडी जांच चल रही है वह चलेगी। इसके साथ ही न्यायिक जांच भी होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मृत्युंजय बर्मन की दूसरी पोस्टमार्टम की भी मांग की गई थी जिसे लेकर कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल इसकी आवश्यकता नहीं है। आगामी 12 मई को मामले की अगली सुनवाई होनी है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मृत्युंजय के परिवार ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी। अधिवक्ता मृणाल कांति बर्मन ने यह याचिका लगाई थी। 21 अप्रैल को 12वीं की एक छात्रा से दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर कालियागंज में विरोध भड़क गए थे। उसके बाद 26 अप्रैल की रात पुलिस ने मृत्युंजय बर्मन के घर छापेमारी की थी और आरोप है कि गोली चला कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। इस मामले को लेकर भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर है।